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तौकीर रजा कौन? जो धर्म परिवर्तन की अनुमति मांगने पर चर्चा में, हिंदुओं को पहले दे चुके हैं धमकी

Who Is Tauqeer Raza: तौकीर रजा बरेली के मुस्लिम धार्मिक नेता हैं। हमेशा अपने विवादित बयानों के लिए चर्चित रहे हैं। कभी तस्लीमा नसरीन के खिलाफ फतवा जारी करने को लेकर तो कभी हिंदुओं के खिलाफ नफरती बयानों को लेकर रजा सुर्खियां बटोरते रहे हैं।

Tauqeer Raza Pm Modi Gaddar Israel Hamas War
अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले तौकीर रजा ने इस बार 20 से ज्यादा युवक-युवतियों का धर्म परिवर्तन कराने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी है। तौकीर रजा की तैयारी इन युवाओं का धर्म परिवर्तन कराने के साथ इनका निकाह कराने की भी है। इसके लिए तौकीर रजा की तरफ से आईएमसी के संगठन प्रभारी नदीम कुरैशी ने पत्र लिखकर बरेली जिला प्रशासन से इजाजत मांगी है। तौकीर रजा ने सोमवार को अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि 'आठ लड़कियां और 15 लड़कों ने उनसे संपर्क करके इस्लाम कबूल करने की इच्छा जताई है। इन सबने पहले से शादी कर रखी है। रजा ने कहा कि 21 जुलाई को खलील स्कूल में पहले चरण में पांच जोड़ों के धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया को पूरी कराएंगे।' ये भी पढ़ेंः इजरायल आतंकी…फिलिस्तीन मजलूम है… तौकीर रजा के जहरीले बोल, पीएम पर आपत्तिजनक टिप्पणी

तौकीर रजा का विवादों से पुराना नाता

तौकीर रजा के इस ऐलान के बाद यूपी के सियासी गलियारों में हंगामा मच गया। लेकिन तौकीर रजा का विवादों से पुराना नाता रहा है। मौलाना तौकीर रजा का ताल्लुक बरेली से है और सुन्नी मुसलमानों के बरेलवी संप्रदाय से आते हैं। तौकीर रजा, आला हजरत खानदान से हैं, जिन्होंने इस्लाम धर्म के सुन्नी बरेलवी मसलक की शुरुआत की। ये भी पढ़ेंः बरेली में क्यों हुआ बवाल? कब-क्या हुआ? SSP ने बताई सच्चाई तौकीर रजा ने सियासत में भी हाथ आजमाया है। अपने परिवार के वह पहले सदस्य हैं, जो राजनीति में उतरे हैं। रजा ने साल 2001 में अपनी राजनीतिक पार्टी इत्तेहाद ए मिल्लत परिषद की स्थापना की। परिषद ने अपने पहले ही चुनाव में नगरपालिका की 10 सीटें जीतीं। रजा ने 2009 में कांग्रेस का दामन थामा। इसका फायदा कांग्रेस को भी मिला और कांग्रेस उम्मीदवार प्रवीण सिंह ऐरन ने बरेली लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार को मात दे दी।

सपा भी रही तौकीर रजा पर मेहरबान

2012 के विधानसभा चुनाव में तौकीर रजा ने समाजवादी पार्टी का समर्थन किया। रजा की पार्टी ने भोजीपुरा से चुनाव जीता। 2013 में अखिलेश यादव की सरकार ने तौकीर रजा को हथकरघा निगम के उपाध्यक्ष का चार्ज दिया था। हालांकि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद रजा ने इस पद को वापस कर दिया। बाद में उन्होंने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ये भी पढ़ेंः मौलाना तौकीर रजा कौन हैं, जिन्हें हिरासत में लेने पर हुआ बवाल? छावनी में तब्दील हुआ बरेली कांग्रेस और सपा के बाद तौकीर रजा ने 2014 में बसपा का समर्थन किया। लेकिन, पार्टी को करारी हार मिली। तौकीर रजा ने 2015 में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (जेडेड) का गठन किया।

हिंदुओं को दी थी धमकी

तौकीर रजा अपने विवादित बयानों के लिए चर्चित रहे हैं। 2022 में एक सभा को संबोधित करते हुए तौकीर रजा ने कहा था कि 'मैं अपने हिंदू भाइयों को चेतावनी देना चाहता हूं कि जिस दिन मेरे मुस्लिम युवाओं को कानून हाथ में लेने के लिए मजबूर किया जाएगा, आपको भारत में कहीं भी छिपने की जगह नहीं मिलेगी।' साल 2022 के विधानसभा चुनावों में तौकीर रजा ने कांग्रेस का समर्थन किया। इस दौरान रजा ने अखिलेश यादव को गैर जिम्मेदार बताया था।

तसलीमा नसरीन के खिलाफ दिया फतवा

ज्ञानवापी मसले पर तौकीर रजा ने कहा था कि अयोध्या मामले में सब झूठ सहन कर लिया गया, अब नहीं करेंगे। फव्वारे को शिवलिंग समझकर धर्म और कानून का मजाक उड़ाया जा रहा है। तौकीर रजा ने साल 2007 में बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन के खिलाफ फतवा जारी किया था। रजा ने तसलीमा का सिर काटकर लाने वाले को 5 लाख के इनाम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि फतवा वापस लेने का एक ही तरीका था कि वह अपनी किताबें जला देतीं और भारत छोड़ देतीं।


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