Mallikarjun Kharge: कांग्रेस के सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कहा था। शशि थरूर के साथ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे खड़गे ने कहा कि वह चुनाव लड़ने के लिए सहमत हैं क्योंकि गांधी परिवार का कोई भी सदस्य पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने को तैयार नहीं था।
अभी पढ़ें – Lok Sabha Elections 2024: मोदी,शाह और नड्डा की तिकड़ी 144 कमजोर सीटों पर बीजेपी की राह करेगी आसान मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्यसभा सांसद ने कहा, "सोनिया गांधी ने उन्हें अपने घर बुलाया था और उनसे कांग्रेस का नेतृत्व करने के लिए कहा था। मैंने उनसे कहा कि मैं तीन नाम सुझा सकता हूं लेकिन उन्होंने कहा कि वह नाम नहीं मांग रही हैं और मुझे पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कहा है।" खड़गे ने कहा कि वे परामर्श और सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करते हैं और पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सभी सदस्यों के साथ काम करेंगे। राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता खड़गे ने असम में पूर्वोत्तर के कांग्रेस सदस्यों को संबोधित करते हुए ये बातें कही।17 अक्टूबर को चुनाव, 19 को परिणाम
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव 17 अक्टूबर को मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच होगा। परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। इससे पहले, खड़गे ने कहा कि सीनियर और युवा नेताओं की ओर से उनसे मैदान में उतरने का आग्रह करने के बाद उन्होंने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का फैसला किया। उन्होंने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य पार्टी को मजबूत करना है न कि किसी का विरोध करना। खड़गे ने कहा कि उनका प्राथमिक उद्देश्य 'उदयपुर घोषणापत्र' को लागू करना होगा। मैं महिलाओं और ओबीसी, एससी और एसटी से संबंधित लोगों समेत 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को नियुक्त करूंगा।खड़गे बोले- नेहरू की विरासत को आगे बढ़ाएं
मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भाजपा के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, 'भाजपा का मकसद केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर देश और विपक्ष को बांटना है। अभी पढ़ें – Mulayam Singh Yadav Funeral Live Update: सैफई में राजकीय सम्मान के साथ मुलायम सिंह का अंतिम संस्कार, अखिलेश यादव ने दी मुखाग्नि उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जवाहरलाल नेहरू की विरासत की रक्षा करनी है, जिसे इंदिरा और राजीव गांधी ने आगे बढ़ाया था। सोनिया गांधी को सुनना हमारा कर्तव्य है, जिनके पास 20 साल तक पार्टी के शीर्ष पर रहने के बाद ज्ञान और अनुभव है। अभी पढ़ें – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें---विज्ञापन---
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