Shashi Tharoor News: ऑपरेशन सिंदूर पर आज मानसून सत्र में चर्चा होनी है। लोकसभा में करीब 16 घंटे की चर्चा के लिए कांग्रेस और BJP ने अपने-अपने वक्ताओं की सूची भी जारी कर दी है, लेकिन कांग्रेस के वक्ताओं की सूची में शशि थरूर का नाम नहीं होने पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने शशि थरूर से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करने के लिए संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। ऐसे में शशि थरूर का ऑपरेशन सिंदूर पर बोलने से इनकार करना और उनकी केंद्र सरकार समर्थक टिप्पणियां उनके और कांग्रेस नेतृत्व के बीच तनाव की ओर संकेत कर रहे हैं।
शशि थरूर का चर्चा करने से इनकार
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस संसदीय दल (CPP) ने ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा करने के लिए शशि थरूर से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने चर्चा में भाग लेने से इनकार कर दिया। सूत्रों का कहना है कि शशि थरूर ने कहा कि वे ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और केंद्र सरकार के समर्थन को लेकर अपनी राय ही दोहराएंगे, जो पार्टी की लाइन से मेल नहीं खाती। इसलिए आज शशि थरूर जब संसद पहुंचे तो पत्रकारों के सवाल के जवाब में मौनव्रत, मौनव्रत कहकर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिससे संकेत मिला कि वह विवाद से दूरी बनाए रखना चाहते हैं।
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क्या है कांग्रेस की रणनीति?
कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, गौरव गोगोई, दीपेंद्र हुड्डा, पृथ्वी शिंदे, सप्तगिरी उल्का और बृजेंद्र ओला को प्राथमिकता दी है। गौरव गोगोई को विपक्ष की ओर से चर्चा की अगुआई करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, शशि थरूर का नाम वक्ताओं की सूची में जानबूझकर शामिल नहीं किया गया, क्योंकि उनकी केंद्र सरकार समर्थक टिप्पणियां कांग्रेस की रणनीति को कमजोर कर सकती हैं।
कांग्रेस ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन करते हुए भी केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहती है। G-23 समूह, जिसने साल 2021 में कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की थी, के साथ शशि थरूर का जुड़ाव और इंदिरा गांधी की इमरजेंसी नीति की आलोचना करने वाला लेख लिखना भी पार्टी नेतृत्व के साथ उनके तनावपूर्ण संबंधों का कारण रहा है।
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शशि थरूर का नाम न होने के कारण
कांग्रेस के साथ मतभेद वक्ताओं की सूची में शशि थरूर का नाम नहीं होने का एक कारण है। शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर का खुलकर समर्थन किया है। ऑपरेशन को कामयाब बताया है। उन्होंने 7 मई 2025 को भी अपनी एक पोस्ट में और दिए गए कई इंटरव्यू में ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की थी। शशि थरूर द्वारा की गई तारीफ कांग्रेस की आधिकारिक लाइन से अलग थी, जो केंद्र सरकार की कार्रवाई का समर्थन करते हुए भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्धविराम के लिए मध्यस्थता के दावों पर सवाल उठा रही थी।
कांग्रेस ने सरकार से इस पर स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन शशि थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों को खारिज करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर कामयाब था। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शशि थरूर की तारीफ ने कांग्रेस पार्टी में असंतोष पैदा किया। कुछ कांग्रेस नेताओं ने शशि थरूर पर BJP के प्रवक्ता जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया था।