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Sabse Bada Sawal: देश के नेता मणिपुर को जोड़ रहे या भड़का रहे हिंसा? जानें इस सवाल का जवाब

Sabse Bada Sawal, 29 June 2023: नमस्कार, मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल की शुरुआत देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए करना चाहता हूं। 20 साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। कश्मीर में जो सूरतेहाल था, वह चिंताजनक था। उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी ने हीलिंग टच […]

Sabse Bada Sawal
Sabse Bada Sawal, 29 June 2023: नमस्कार, मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल की शुरुआत देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए करना चाहता हूं। 20 साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। कश्मीर में जो सूरतेहाल था, वह चिंताजनक था। उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी ने हीलिंग टच की बात की थी। उन्होंने जम्हूरियत, इंसानियत और कश्मीरियत की बात करते हुए सभी दलों को एक साथ लेकर चलते दिखाई दिए थे। तो आज मैं अटल की बात क्यों कर रहा हूं। क्योंकि 58 दिन से मणिपुर जल रहा है। हिंसा हो रही है। अराजकता फैली है। पुलिस प्रशासन जैसी चीज ही नहीं है। सरकार का इकबाल नहीं है। उपद्रवी जो चाहें वह कर रहे हैं। 125 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। 60 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं। वे राहत कैंपों में रह रहे हैं। बहुत से लोग मणिपुर छोड़कर चले गए। कुछ लोग दिल्ली तक आ गए हैं। आगजनी की 5 हजार से ज्यादा घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। 140 से ज्यादा गिरफ्तारी हो चुकी है। 30 जून तक इंटरनेट बंद हैं। हिंसा का सिलसिला तीन मई को शुरू हुआ था। 11 जिलों में कर्फ्यू लगा है। तस्वीरें बता रही हैं कि वहां कैसे हालात हैं। राहुल गांधी मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इंफाल से चुराचांदपुर पहुंचे। उन्होंने राहत कैंपों का जायजा लिया। सड़क के रास्ते निकल पड़े। विष्णुपुर में उन्हें रोक लिया गया। विरोध भी हुआ, समर्थन भी हुआ। अलग-अलग खेमे से अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। वहां के एसपी ने कहा कि हमने इसलिए रोका कि कोई ग्रेनेड फेंक सकता है। यानी पुलिस भी मान रही है कि हालात बेकाबू हैं। राहुल हेलिकॉप्टर से गए। कांग्रेस ने आरोप लगाने शुरू कर दिए। कहा कि पुलिस प्रशासन जानबूझकर राहुल को रोक रहा है। असफलता की पोल पट्टी न खुल जाए, इसलिए राहुल को रोका जा रहा है। उधर, बीजेपी भी मैदान में उतरी। कहा कि ये राहुल की जिद है। जिद अच्छी नहीं होती है। ऐसे संवेदनशील हालात में जागरुकता जरूरी है। और भड़का रहे हैं। राजनीति रोटियां सेंक रहे हैं। मणिपुर के हालात काबू में आ रहे हैं। तो आज सबसे बड़ा सवाल यह है कि नेता मणिपुर को जोड़ रहे या तोड़ रहे? जम्हूरियत, इंसानियत, मणिपुरियत! देखिए बड़ी बहस   यह भी पढ़ें: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अध्यादेश पर मिला समर्थन


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