क्या कांग्रेस के 1984 के रिकॉर्ड को तोड़ पाएगी BJP, जानें राम मंदिर से क्या बना राजनीतिक माहौल?
अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन हो गया है।
Ram Mandir Impact On Lok Sabha Election 2024 For BJP : देश में इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारी तेज कर दी है। इस बार विपक्षी पार्टियां केंद्र की सत्ता से मोदी सरकार को हटाने के लिए एकजुट हो गई हैं। इस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बड़ा दांव चला है। पार्टी ने अपने पुराने चुनावी वादे को पूरा कर दिया। अब सवाल उठता है कि क्या भाजपा इस राममयी माहौल में कांग्रेस के 1984 के रिकॉर्ड को तोड़ पाएगी? आइये जानते हैं कि राम मंदिर से क्या राजनीतिक माहौल बन रहा है।
देश में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। राजीव गांधी की अगुवाई में पार्टी ने 404 सीटों पर बंपर जीत दर्ज की थी। उस समय भाजपा को सिर्फ 2 सीटें मिली थीं। अयोध्या में रामलला के विराजने के बाद भाजपा के लिए वही माहौल बनता नजर आ रहा है। भले ही यह धार्मिक कार्यक्रम था, लेकिन यह सब जानते हैं कि प्रधानमंत्री की अगुवाई में राम मंदिर का निर्माण हुआ है।
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भाजपा ने 400 प्लस सीटों पर जीत का रखा लक्ष्य
साल 1984 में जैसे कांग्रेस के पक्ष में चुनावी माहौल था, आज उसी तरह माहौल भाजपा के पक्ष में भी नजर आ रहा है। भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव में 400 प्लस सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए पार्टी का सबसे ज्यादा फोकस उसी राज्य (उत्तर प्रदेश) पर है, जहां रामलला की जन्मस्थली है। बीजेपी ने यूपी की सभी 80 सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए सभी वर्गों (हिंदू और मुस्लिम) को साधना शुरू कर दिया है।
राम मंदिर के सहारे 300 सीटों तक पहुंची बीजेपी
अगर पुराने दौर पर नजर डाले तो भाजपा के लिए राम मंदिर वरदान साबित हुआ है। राम मंदिर ने बीजेपी को केंद्र की सत्ता तक पहुंचने में बड़ी मदद की है। इसके जरिये पार्टी ने 2 सीटों से लेकर आज 300 सीटों तक सफर तय किया है। साल 1996 से 2019 तक हर लोकसभा चुनाव में पार्टी के घोषणा पत्रों में प्रमुखता से राम मंदिर मुद्दा शामिल था। भाजपा को इसका लाभ भी मिला और पार्टी लगातार राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करती चली गई।
विपक्षी दलों की एकजुटता की वजह से टफ है इस बार की लड़ाई
जब अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की कोई उम्मीद नहीं थी तब लोगों ने भाजपा पर भरोसा जताया और वोट देकर पार्टी को केंद्र की सत्ता सौंप दी। 500 साल के इंतजार के बाद आज रामलला अपने घर वापस आ गए हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी को इसका फायदा मिल सकता है, इसलिए पार्टी की नजरें 400 प्लस सीटों पर गड़ी हुई हैं। हालांकि, इस बार की लड़ाई काफी टफ है, क्योंकि सभी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अब तो ये लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि लोगों ने किस पार्टी को अपना बहुमत दिया है।
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