‘सबसे भाग्यशाली व्यक्ति’, रामलला मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के बाद बोले मूर्तिकार अरुण योगीराज
अरुण योगीराज
Ram lalla idol sculptor arun yogiraj: अयोध्या में श्री रामलला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा पूरे विधि-विधान से पूरी हो चुकी है। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मीडिया से बात करते हुए रामलला की मनमोहक मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज ने कहा कि, 'यह मेरे लिए गर्व की बात है कि श्री रामलला की मूर्ति बनाने का मौका मुझे मिला'। योगीराज ने आगे कहा कि 'मैं बेहद खुश हूं'। 'मैं खुद को इस पृथ्वी पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति मानता हूं'।
मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं सपनों की दुनिया में हूं
मीडिया से बात करते हुए आगे मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा ये मेरे पूर्वजों, परिवार के सदस्यों और भगवान राम का आशीर्वाद है, जो मुझे रामलला की मूर्ति बनाने का विशेष अवसर मिला। उन्होंने कहा कि कभी-कभी मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं सपनों की दुनिया में हूं। 'रामलला की मूर्ति बनाने के बाद सब मुझे पहचानने लगे हैं, सभी बेहद सम्मानजनक तरीके से देखते और मुझसे आगे बढ़कर बात करना चाहते हैं और मेरे अनुभव जानना चाहते हैं।
अरुण ने MBA कर की है नौकरी
जानकारी के अनुसार मूर्तिकार अरुण कर्नाटक के रहने वाले हैं। वह मैसूर के जिस परिवार से संबंध रखते हैं उनकी कई पीढियां मूर्ति बनाने का काम कर रही हैं। अरुण ने बताया कि उनके दादा का नाम बसवन्ना था। उन्होंने अपने समय में कर्नाटक के बड़े राजघरानों के लिए मूर्तियां बनाई हैं। इतना ही नहीं उनके पिता योगीराज भी एक बेहतरीन मूर्तिकार है और उनका भी कर्नाटक और मैसूर के बड़े घरानों में काफी नाम है। वैसे अरुण योगीराज ने एमबीए की पढ़ाई की है। पूरी तरह मूर्तिकारी का काम करने से पहले वह एक प्राइवेट कंपनी में काम कर चुके हैं। वह बचपन से ही अपने पिता और परिवार के अन्य लोगों से मूर्ति बनाने का काम सीखते थे।
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