प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 साल बाद ओमान यात्रा पर हैं. ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक अल सईद के निमंत्रण पर मोदी ओमान के दो दिन के दौरे पर हैं. इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, ऊर्जा, सुरक्षा समेत कई मुद्दों पर बात हो सकती है. इससे पहले पीएम मोदी ने 2018 में ओमान की यात्रा की थी. लेकिन सवाल ये है कि ये दौरा पीएम मोदी के लिए इतना अहम क्यों है, चलिए इस बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.
भारत के लिए क्यों खास है ओमान ?
जानकारी के मुताबिक ओमान पहला ऐसा खाड़ी देश है जिसके साथ भारत की तीनों सेनाएं युद्धाभ्यास करती हैं. ओमान और भारत दोनों समुद्री सुरक्षा को लेकर भी एक दूसरे का साथ देते हैं. इसी कड़ी में दोनों देशों के बीच रणनीतिक और सिक्योरिटी पार्टनरशिप लगातार मजबूत हो रही है. ओमान के राजदूत इस्सा सालेह अब्दुल्ला सालेह अलशिबानी ने कहा कि ये इस बात का सबूत है कि भारत के साथ ओमान के रक्षा संबंध कितने गहरे हैं। आपको बता दें कि ओमान खाड़ी सहयोग परिषद (GCC), इंडियन ओशियन रिम एसोसिएशन (IORA) का भी अहम हिस्सा है. 2023 में जी 20 सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में हुआ था, जिसके लिए बतौर अतिथि देश ओमान को भी न्योता भेजा गया था, उस वक्त ओमान के 9 मंत्री भारत आए थे.
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जगुआर फाइटर जेट से क्या है कनेक्शन?
जगुआर फाइटर जेट ओमान के काम नहीं आ रहे, वहां की रॉयल एयर फोर्स ने जगुआर जेट्स पर फैसला लेते हुए उन्हें निष्क्रिय कर दिया. इस बीच ओमान ने भारत के सामने ये डील रखी कि वो इन विमानों के स्पेयर पार्ट्स भारत को मुहैया करवा सकता है. पीएम मोदी के ओमान दौरे के वक्त इस डील पर चर्चा हो सकती है. दरअसल जगुआर फाइटर जेट काफी पुराने विमान हैं, जिसकी वजह से स्पेयर पार्ट्स मिलने में काफी परेशानी होती है. मोदी की ओमान यात्रा के बाद भारत को उम्मीद है कि जल्द ही भारत को जगुआर फाइटर जेट के पुर्जे मिलने लग जाएंगे, जिसके बाद ये विमान उड़ान भर पाएंगे.
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भारत-ओमान में हो सकती है फ्री ट्रेड डील
पीएम मोदी का ओमान दौरा इसलिए भी खास माना जा रहा है कि क्योंकि दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड डील हो सकती है, जिसके तहत या तो कस्टम ड्यूटी कम होगी या खत्म हो जाएगी. दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड डील को लेकर 2023 में बातचीत शुरू हुई थी. गल्फ सिक्योरिटी काउंसिल ( GCC) के सदस्य UAE के साथ 2022 से ही भारत फ्री ट्रेड डील जारी है. अब इस कड़ी में ओमान दूसरा देश होगा. भारत GCC के देशों में तीसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट ओमान को ही करता है.
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भारत-ओमान के व्यापारिक संबंध
दोनों देशों में व्यापार बढ़ाने और निवेश से जुड़े नियमों को आसान बनाने पर भी चर्चा होगी. भारत ओमान से सबसे ज्यादा पेट्रोलियम उत्पाद और यूरिया खरीदता है. इसके अलावा पेट कोक, जिप्सम, लोहा जैसी कई चीजें भी लेता है. ओमान की अगर बात करें तो वो भारत से अनाज, रसायन, लोहा, चाय, कॉफी, कपड़े समेत कई चीजें खरीदता है. भारत और ओमान के बीच 204-25 में बाइलेटरल बिजनेस करीब 10.5 बिलियन डॉलर था.