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असम में 10600 करोड़ के प्रोजेक्ट का PM मोदी ने किया भूमि पूजन, कांग्रेस पर मढ़ा बड़ा आरोप

PM Modi in Assam: पीएम मोदी ने बताया कि 2014 में देश में यूरिया उत्पादन 225 लाख मीट्रिक टन था, जो अब बढ़कर करीब 306 लाख मीट्रिक टन हो चुका है. यह नया संयंत्र पांच वर्षों में तैयार होगा और 12.5 लाख मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन क्षमता के साथ क्षेत्र को एक बड़े उर्वरक उत्पादन केंद्र के रूप में विकसित करेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को असम के डिब्रूगढ़ जिले के नमरूप में ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BVFCL) परिसर के भीतर नए ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया उर्वरक संयंत्र का भूमि पूजन किया. पीएम मोदी ने इसे पूरे उत्तर-पूर्व और असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि यह परियोजना औद्योगिक प्रगति की नई शुरुआत साबित होगी.

आयात पर कम होगी निर्भरता


PMO के अनुसार, करीब 10600 करोड़ रुपये की लागत से बन रही यह परियोजना असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों की उर्वरक जरूरतों को पूरा करेगी, आयात पर निर्भरता कम करेगी और क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'नमरूप और डिब्रूगढ़ का जो सपना वर्षों से अधूरा था, वह आज पूरा हो रहा है. विकास की जिस गति को असम ने पकड़ा है वो तो बस शुरुआत है.'

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कांग्रेस पर भी साधा निशाना


कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने पुराने कारखानों के आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं दिया, जिसकी वजह से क्षेत्र की कई औद्योगिक इकाइयां बंद होती चली गईं. प्रधानमंत्री ने दावा किया कि भाजपा की डबल इंजन सरकार अब उन लंबित समस्याओं का समाधान कर रही है जिन्हें कांग्रेस ने वर्षों तक नजरअंदाज किया.

भाजपा सरकार में किसानों का हुआ भला


पीएम मोदी ने बताया कि 2014 में देश में यूरिया उत्पादन 225 लाख मीट्रिक टन था, जो अब बढ़कर करीब 306 लाख मीट्रिक टन हो चुका है. उन्होंने कहा, 'किसानों के हित में काम तो तभी शुरू हुआ जब भाजपा की सरकार आई. पहले जिनके पास मौका था उन्होंने केवल अनदेखी की. केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने जानकारी दी कि BVFCL पूर्वोत्तर का सबसे पुराना उर्वरक संयंत्र है और अब यहां चौथा प्लांट लगाया जा रहा है. यह नया संयंत्र पांच वर्षों में तैयार होगा और 12.5 लाख मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन क्षमता के साथ क्षेत्र को एक बड़े उर्वरक उत्पादन केंद्र के रूप में विकसित करेगा.

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