‘जब भारत बढ़ता है, तो पूरी दुनिया बढ़ती है’, अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए बोले पीएम मोदी
Prime Minister Narendra Modi
PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब मैंने प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार अमेरिका का दौरा किया, तो भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। आज भारत 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। जब भारत बढ़ता है तो पूरी दुनिया बढ़ती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक में ये दूसरा संबोधन था। उनका पहला संबोधन जून 2016 में था। पीएम मोदी ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करना हमेशा एक बड़ा सम्मान होता है और दो बार ऐसा करना एक असाधारण विशेषाधिकार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राज्य अमेरिका की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं, जहां प्रवासी भारतीयों ने उनका जोरदार स्वागत किया। अमेरिका में पीएम ने नोबेल पुरस्कार विजेताओं, उद्योग जगत के नेताओं, लेखकों, शिक्षाविदों, गणितज्ञों और चिकित्सा पेशेवरों से मुलाकात की।
अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए पीएम और क्या बोले?
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 7 साल में बहुत कुछ बदल गया है, लेकिन भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती को गहरा करने की प्रतिबद्धता वैसी ही है। AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में एक और AI (अमेरिका-भारत) के बीच अधिक विकास देखा गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम अलग-अलग परिस्थितियों और इतिहास से आते हैं लेकिन हम एक समान दृष्टिकोण और एक समान नियति से एकजुट हैं। जब हमारी साझेदारी आगे बढ़ती है तो आर्थिक लचीलापन बढ़ता है, नवाचार बढ़ता है, विज्ञान फलता-फूलता है, ज्ञान बढ़ता है, मानवता को लाभ होता है, हमारे समुद्र और आकाश सुरक्षित होते हैं, लोकतंत्र उज्जवल होगा और दुनिया बेहतर स्थान होगी। यही हमारी साझेदारी का मिशन है जो इस सदी के लिए हमारा आह्वान है।
पीएम मोदी ने कहा कि एक जीवंत लोकतंत्र का नागरिक होने के नाते मैं एक बात स्वीकार कर सकता हूं... अध्यक्ष महोदय, आपका काम कठिन है। मैं विचारों और विचारधारा की बहस को समझ सकता हूं। जब भी आपको मजबूत द्विदलीय सहमति की आवश्यकता हो तो मुझे मदद करने में खुशी होगी।
अमेरिकी संसद में भी पीएम बोले- ये युद्ध का युग नहीं...
उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के साथ, युद्ध यूरोप में लौट आया है। इससे भारी पीड़ा हो रही है। चूंकि इसमें प्रमुख शक्तियां शामिल हैं, परिणाम गंभीर होंगे। जैसा कि मैंने कहा, यह युद्ध का युग नहीं है। यह संवाद और कूटनीति का युग है।
9/11 के दो दशक से अधिक और मुंबई में 26/11 के एक दशक से अधिक बाद कट्टरवाद और आतंकवाद अभी भी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई किंतु-परंतु नहीं हो सकता।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.