श्रीनगर: जम्मू में पिछले एक साल से अधिक समय से रह रहे लोग आगामी विधानसभा चुनाव में वोट डाल सकेंगे। जम्मू के डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा ने इस संबंध में मंगलवार को एक आदेश जारी किया। उधर, डिप्टी कमिश्नर के इस आदेश का नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विरोध किया है।
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आदेश में क्या कहा गया है
डिप्टी कमिश्नर ने सभी तहसीलदारों (राजस्व अधिकारियों) को उनके तहसील में एक साल से अधिक समय से रह रहे हर व्यक्ति को निवास का प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश भेजा। इसके आधार पर व्यक्तियों के नाम को मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा। आदेश में ये भी कहा गया है कि मतदाता सूची के चल रहे विशेष संशोधन में कोई भी पात्र मतदाता न बचे।
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बता दें कि यह पहली बार है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद चुनावी संशोधन किया जा रहा है। आदेश के अनुसार, आधार कार्ड, पानी/बिजली/गैस कनेक्शन, बैंक पासबुक, पासपोर्ट जैसे किसी भी दस्तावेज का उपयोग निवास के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने किया विरोध
उधर, डिप्टी कमिश्नर की ओर से जारी आदेश का नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विरोध किया है। आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने लिखा कि सरकार के इस कदम का हमारी पार्टी विरोध करती है। भाजपा चुनावों से डरती है और जानती है कि वह बुरी तरह हार जाएगी।
बता दें कि अगस्त में तत्कालीन मुख्य चुनाव अधिकारी हृदेश कुमार ने कहा था कि मतदाता सूची के विशेष संशोधन के बाद जम्मू-कश्मीर को बाहरी लोगों समेत करीब 25 लाख अतिरिक्त मतदाता मिल सकते हैं। उनके इस बयान का भाजपा छोड़ सभी दलों ने विरोध किया था।
बता दें कि जम्मू कश्मीर में जल्द ही विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हाल के जम्मू दौरे पर संकेत दिया था कि घाटी में अब जल्द ही चुनाव करवाए जाएंगे।
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(www.onecrazyhouse.com)