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निलंबित सांसदों के पास अब आगे क्या विकल्प? Parliament Session में सस्पेंड हो चुके हैं 141 मेंबर्स

Lok Sabha Rajya Sabha Members Suspension: हंगामा करने के चलते लोकसभा और राज्यसभा के करीब 141 सदस्य निलंबित किए जा चुके हैं। अब वे आगे क्या करेंगे और उनके लिए क्या ऑप्शन हैं जानिए?

Parliament Session 2023
Lok Sabha Rajya Sabha Members Suspesion Update: 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक हुई, जिस पर संसद के शीतकालीन सत्र में जोरदार हंगामा हुआ। गत 14 दिसंबर से ही संसद के दोनों सदनों में विपक्षियों ने बवाल काटा हुआ है। इसके चलते दोनों सदनों के कुल 141 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। सबसे पहले 14 दिसंबर को सांसदों का निलंबन हुआ। इस दिन लोकसभा के 13 और राज्यसभा से एक सांसद सस्पेंड हुए। 18 दिसंबर को लोकसभा के 33 और राज्यसभा के 45 सांसद और सस्पेंड कर दिए गए। आज फिर लोकसभा के 47 और राज्यसभा के 2 सांसद निलंबित कर दिए गए हैं। कुल मिलाकर लोकसभा के 93 और राज्यसभा के 48 सांसद सस्पेंड हो चुके हैं, लेकिन सस्पेंशन के बाद अब आगे क्या? सांसदों के अब क्या विकल्प बचा है? सस्पेंशन रद्द होगा या नहीं?  

सस्पेंशन को अदालत में नहीं दे सकते चुनौती

नियमानुसार लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई होती है तो उसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। संविधान में प्रावधान है कि संसद से निलंबित किए गए सासंद किसी भी संसदीय कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकते, लेकिन अगर निलंबित सांसद अपनी हरकत के लिए माफी मांग लें तो राज्य सभापति और लोकसभा स्पीकर उनके सस्पेंशन को रद्द कर सकते हैं। सस्पेंशन को कोर्ट में चैलेंज भी नहीं किया जा सकता। सांसदों को नियमावली के अनुसार सदन में व्यवहार करना होता है। नियमावली के उल्लंघन पर सांसदों को अपने भत्ते भी गंवाने पड़ सकते हैं। नियमावली के नियम 255 के तहत राज्य सभापति सदन के सदस्यों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर सकते हैं। नियम 256 के अनुसार, सभापति किसी सांसद को सेशन से अधिक समय के लिए सस्पेंड कर सकते हैं। नियम 374 के अनुसार, लोकसभा से सांसदों को बाकी सेशन के लिए सस्पेंड किया जा सकता है। यह भी पढ़ें: Parliament Session Update: राज्यसभा में हंगामे के बीच 2 विधेयक पारित, दोनों का पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर विधानसभा से कनेक्शन

इन वजहों से सस्पेंड किए जा सकते हैं सांसद

संविधान के तहत बनाई गई नियमावली के अनुसार, जो सांसद जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डालते हैं। तख्तियां दिखाकर नारे लगाते हैं। स्पीकर या सभापति के करीब आने की कोशिश करते हैं। अमर्यादित व्यवहार करते हैं और नियमों-आदेशों की अवहेलना करते हैं। संसदीय अनुशासन की अवमानना करते हैं। अपने व्यवहार और हरकतों से संवैधानिक परंपराओं को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्हें सभापति या लोकसभा स्पीकर द्वारा सस्पेंड किया जा सकता है। यह भी पढ़ें: Covid Advisory: फिर मिले 250 केस, JN.1 वैरिएंट से कितना अलग कोरोना, सरकार की गाइडलाइंस जारी


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