Parliament Security Breach : ‘फांसी पर लटका दो’, आरोपी के पिता ने कहा- उसका इरादा गलत नहीं
Parliament security breach
Lok Sabha Security Breach : संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार को अचानक से अफरातफरी मच गई है। सदन की कार्यवाही के दौरान दो युवक अचानक से विजिटर गैलरी के जरिये टेबल पर पहुंचे और एक टेबल से दूसरे टेबल पर कूदने लगे। इसके बाद दोनों ने टियर गैस कनस्तर से संसद को धुआं-धुआं कर दिया। सुरक्षाकर्मियों ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। लोकसभा में सुरक्षा चूक मामले में गृह मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं। इस बीच पकड़े गए मनोरंजन के पिता ने कहा कि अगर मेरे बेटे ने गलती की है तो उसे फांसी दे दो
लोकसभा की सुरक्षा का उल्लंघन करने वाले दोनों आरोपियों की पहचान मनोरंजन (34) और सागर शर्मा (26) के रूप में हुई है। मनोरंजन के पिता देवराज गौड़ा एक किसान हैं और आरोपी भी खेती में अपनी पिता की मदद करता है। पिता देवराज गौड़ा का कहना है कि बेटे ने उन्हें बताया था कि वह दिल्ली जाने से पहले बेंगलुरु जाएगा। जब बेटे की दिल्ली में होने की जानकारी मिली तो वे काफी घबरा गए। उन्होंने अपने बेटे की हरकतों पर कहा कि वह एक अच्छा लड़का है और उसका कोई गलत इरादा नहीं था। उसने बेंगलुरु से अपनी इंजीनिरिंग की पढ़ाई पूरी की है।
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मनोरंजन का राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं
पिता देवराज गौड़ा ने कहा कि उसके बेटे ने संसद की सुरक्षा से खिलवाड़ किया है, जो कि निंदनीय और गलत है। उसे फांसी पर लटका दो। साथ ही उन्होंने कहा कि मनोरंजन का किसी राजनीतिक पार्टी से कोई संबंध नहीं है। इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने मैसूर की विजयनगर पुलिस से संपर्क साधा और इसके बाद विजयनगर की पुलिस आरोपी घर पहुंची और प्रारंभिक जांच में पता चला कि उसने मैसूरु लोकसभा सीट से सांसद प्रताप सिम्हा के दफ्तर से विजिटर पास प्राप्त किया था।
किसान आंदोलन में भी शामिल हुआ था आरोपी मनोरंजन
देवराज गौड़ा ने विजिटर पास को लेकर कहा कि उन्हें नहीं पता है कि मनोरंजन को कहां से पास मिला है? इस बीच एक खुफिया अधिकारी ने जानकारी दी कि उसने 2020-21 में किसान आंदोलन में हिस्सा लिया था। वह एक पढ़ा लिखा युवक है। किसान आंदोलन के दौरान उसकी दिल्ली यात्रा को लेकर पूरी जानकारी है, जिसकी जांच चल रही है। वहीं, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया का आरोप है कि मैसूर के सांसद प्रताप सिम्हा ने ही आरोपी युवकों को पास दिए थे। अगर यह सच है तो वो सांसद के परिचित हैं. बड़ा सवाल उठता है कि अगर वे परिचित नहीं थे तो अजनबियों को पास कैसे जारी कर दिए गए? जांच में इस बात का भी ध्यान देना चाहिए कि कानून के तहत लापरवाही के अनजाने कार्य भी दंडनीय हैं।
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