Operation Kaveri: भारतीय वायु सेना (IAF) के पायलट्स ने सूडान में फंसे भारतीयों के एक ग्रुप को बचाने के लिए सूझबूझ और साहस का परिचय दिया है। दरअसल, वाडी सैय्यिदना में फंसे भारतीयों को जब बचाने के लिए IAF का C-130J विमान जब पहुंचा तो वहां का रनवे नष्ट हो चुका था, रोशनी भी नहीं थी, लेकिन फिर भी 121 भारतीयों को वहां से ढाई घंटे के अंदर निकाल लिया गया। बता दें कि वाडी सैय्यिदना सूडान की राजधानी खार्तूम से लगभग 40 किमी उत्तर में है।
भारतीय वायु सेना ने अपने C-130J हरक्यूलिस परिवहन विमान को वाडी सैय्यिदना हवाई पट्टी पर उतारा। इस दौरान विमान के पायलट्स ने नाइट विजन गॉगल्स (एनवीजी) का इस्तेमाल कर लैंडिंग की। एयरक्रू ने अपने इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रा-रेड सेंसर का यूज कर ये सुनिश्चित किया कि रनवे पर उतरना सुरक्षित है। आसपास के क्षेत्र में कोई शत्रुतापूर्ण बल नहीं था।
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ऑपरेशन की सफलता और जटिलता से उत्साहित वायु सेना ने कहा कि वाडी सैयदना और जेद्दा के बीच चले इस ऑपरेशन को भारतीय वायुसेना के इतिहास के अत्यधिक साहसी और चूक रहित अंजाम के लिए याद किया जाएगा। बता दें कि शुक्रवार को विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बताया कि ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत अब तक 2,100 भारतीय जेद्दा पहुंच चुके हैं।
न्यूज एजेंसी ANI ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि ग्रुप कैप्टन रवि नंदा भारतीय वायु सेना के C-130J स्पेशल ऑप्स विमान के कप्तान हैं, जिन्होंने वहां चल रहे संघर्ष के दौरान सूडान के खार्तूम के पास वाडी सैयदना में एक छोटी हवाई पट्टी से 121 भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए साहसिक अभियान चलाया।
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ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से भारतीयों को बचाने के लिए नंदा को वीरता पदक से सम्मानित किया गया था। IAF के विमान ऐसे सभी मिशनों पर गरुड़ विशेष बल की एक टीम के साथ उड़ान भरते हैं।
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