Starbucks: अचानक से दुनिया से सबसे बड़ी कॉफी हाउस कंपनी स्टारबक्स (Starbucks) सुर्खियों में आ गई है। वजह हलाल मीट है। मुंबई स्थित हिंदू जनजागृति समिति के प्रवक्ता रमेश शिंदे ने एक वीडियो जारी किया है, जो दिल्ली एयरपोर्ट का बताया जा रहा है। एक महिला स्टारबक्स के आउटलेट पर पूछती है कि क्या गैर हलाल चिकेन है? कर्मचारी ने जवाब दिया कि केवल हलाल मीट ही उपलब्ध है। हलाल मीट सर्टिफाइड है, जिसे हिंदू और मुस्लिम दोनों खा सकते हैं।
मुंबई स्थित हिंदू जनजागृति समिति ने सवाल उठाया है कि हिंदुओं को हलाल-सर्टिफाइड भोजन खाने के लिए क्यों मजबूर किया जाना चाहिए? समिति ने स्टारबक्स के बहिष्कार का आह्वान किया। इसके बाद रविवार को 'बॉयकॉट स्टारबक्स' एक्स पर ट्रेंड करने लगा। जिसमें दावा किया गया कि भारत में स्टारबक्स केवल हलाल मांस परोसती है और इसे हिंदुओं और गैर-हलालों पर थोपा जा रहा है। क्या हिंदुओं को खाने की आजादी नहीं है? रमेश शिंदे ने ट्वीट कर बहिष्कार का आह्वान किया। यह हैशटैग रविवार को ट्रेंड हुआ। अभी स्टारबक्स ने इस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
भारत में स्टारबक्स का एक हजार करोड़ का कारोबार
संगठन ने दावा किया है कि स्टारबक्स हर हफ्ते भारत में 400,000 उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करता है और पिछले वित्तीय वर्ष में शुद्ध बिक्री में 1,000 करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। वीडियो में दिखाया गया है कि इस राजस्व का एक बड़ा हिस्सा हलाल प्रमाणीकरण प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है।
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क्या है हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट?
हलाल एक अरबी शब्द है। जिसका मतलब अनुमति योग्य और हलाल सर्टिफाइड का मतलब इस्लामी कानून के हिसाब से तैयार किए गए भोजन से है। हलाल मीट एक ऐसे जानवर के मीट से संबंधित है, जिसे गले की नसों पर चोट करके मारा गया हो। हलाल सर्टिफिकेशन 1974 में पहली बार वध किए गए मीट के लिए शुरू हुआ था। 1993 तक इसे केवल मीट प्रोडक्ट्स के लिए लागू किया गया था। फिर इसे सौंदर्य प्रसाधनों, दवाओं आदि तक भी बढ़ा दिया गया।
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