टेरर फंडिंग मामला: NIA ने अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, आतंकी चैरिटी के नाम पर जुटा रहे थे चंदा
प्रतीकात्मक इमेज।
Terror Funding Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को टेरर फंडिंग मामले में बड़ा कदम उठाया है। जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) से जुड़े अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट (AHET) के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
आरोप है कि प्रतिबंध के बावजूद इस संगठन ने जम्मू-कश्मीर में अपना नेटवर्क फैला रखा था। इसके जरिए आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए चैरिटी के नाम पर चंदा इकट्ठा किया जा रहा था।
चार्जशीट में पाकिस्तान स्थित हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी मुश्ताक अहमद मीर उर्फ मुश्ताक अहमद जरगर का भी नाम शामिल है।
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इसके अलावा यूएपीए और आईपीसी की धाराओं के तहत सदस्य मोहम्मद आमिर शम्सी, अध्यक्ष अब्दुल हमीद गनी उर्फ अब्दुल हामिद फैयाज को आरोपी बनाया गया है। अब्दुल हमीद शोपिया का रहने वाला है।
2022 में एनआईए ने जम्मू-कश्मीर के 8 जिलों में की थी छापेमारी
एनआईए ने अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट के फंडिंग पैटर्न और संदिग्ध गतिविधियों को संज्ञान में लेकर केस दर्ज किया था। इसके बाद अक्टूबर 2022 में जम्मू-कश्मीर के आठ जिलों में टेरर फंडिंग केस में छापेमारी की थी। इनमें राजौरी, पुंछ, जम्मू, श्रीनगर, पुलवामा, बडगाम, शोपियं और बांदीपोरा शामिल थे।
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जमात का फ्रंटल संगठन है अल हदा
दरअसल, जमात-ए-इस्लामी संगठन को 2019 में यूएपीए कानून के तहत अवैध संगठन घोषित कर दिया गया था। इसके बाद अल हुदा एजुकेशनल ट्रस्ट ने जमात के एक फ्रंटल यूनिट पर काम करना शुरू कर दिया था।
जांच में सामने आया कि ये संगठन कश्मीर के कई एनजीओ और ट्रस्ट से जुड़ा है। समाजिक कार्यों के नाम पर लोगों से चंदा वसूला जाता था। छापेमारी के दौरान जब्त मोबाइल से पता चला था कि आतंकी गुटों के लिए डिजिटल पेमेंट से भी धन जुटाया जा रहा था।
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