Narendra Modi Vs Priyanka Gandhi Hindu Vs Hundutva Madhya Pradesh Assembly Election 2023: देश के पांच राज्यों में चुनाव चल रहा है। इस चुनावी मौसम में हर बड़े से बड़े मुद्दे पर हिंदू, हिंदुत्व और श्री राम का मुद्दा भारी पड़ रहा है। बीजेपी की तो विचारधारा और बुनिया ही हिंदुत्व पर टिकी है। इसी हिंदुत्व के बलबूते वो पिछले दस सालों में केंद्र से लेकर अलग-अलग राज्यों की सत्ता साधने में कामयाब हुई। यही वजह है कि विरोधी पार्टियां अब बीजेपी के इस फॉर्मूले में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। पिछले कुछ सालों में कांग्रेस ने बीजेपी के हार्ड हिंदुत्व के मुकाबले अपनी सॉफ्ट हिंदुत्व की एक इमेज तैयार की है। अब विधानसभा चुनावों में और 2024 के चुनावों से पहले पार्टी के दिग्गज नेता अपनी इसी इमेज को धार देने की कोशिश कर रहे हैं।
इसकी एक बड़ी तस्वीर नजर आई मध्य प्रदेश से, जहां प्रियंका गांधी की जुबान से राम कथा के प्रसंग निकले और प्रियंका ने राम कथा के जरिए बीजेपी पर जोरदार हमला बोला। वहीं, पीएम मोदी ने गुना में भगवान राम का जिक्र करते हुए कहा कि हम जितनी शिद्दत से राम मंदिर बनवा रहे हैं, उतनी ही भक्ति से गरीबों का घर भी बनवाते हैं।
प्रियंका ने सुनाया अहिरावण का प्रसंग
मध्य प्रदेश चुनाव में भगवान राम, हनुमान और रावण के भाई अहिरावण की एंट्री हो गई है। बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इंदौर के सांवेर विधानसभा सीट पर जनसभा करते हुए राम कथा के जरिए भारतीय जनता पार्टी पर हमला किया और रामायण के प्रसंग के साथ कांग्रेस के साथ धोखा देने वालों को भी सबक सिखाने की अपील कर डाली। प्रियंका ने सांवेर के उल्टे हनुमान मंदिर का जिक्र करते हुए राम कथा का प्रसंग सुनाया।
प्रियंका गांधी ने कहा, 'रामायण की एक कथा आपको मालूम होगी जहां अहिरावण ने चाल चली और भगवान राम तथा लक्ष्मण का अपहरण कर लिया। छल से दोनों को पाताल लोक लेकर गए और फिर हनुमान जी उन्हें लेने पाताल लोक गए। अहिरावण को हराया फिर भगवान राम और लक्ष्मण को वापस लेकर आए। इसका एक मुख्य संदेश है कि जब अन्याय होता है तो उससे हमें लड़ना है। 2018 में आपने एक सरकार चुनी और जिस तरह से अहिरावण ने भगवान राम और लक्ष्मण के साथ छल किया उसी तरह से आपके साथ हुआ है। कुछ बहरूपियों ने चल-कपट करके आप की सरकार का अपहरण किया। आज अगर आप हनुमान जी की तरह नहीं बनेंगे और अपने लिए नहीं लड़ेंगे तो कौन करेगा?'
सरकार गिरने का टीस साझा किया
दरअसल राम और लक्ष्मण के अपहरण की कथा के जरिए प्रियंका गांधी ने 2018 में चुनी हुई सरकार के गिरने की टीस को जनता से साझा किया। 2018 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और करीब हार के डेढ़ साल बाद बीजेपी की सत्ता में दोबारा वापसी हुई थी। पूरी कथा और संदेश के बाद प्रियंका ने कमलनाथ सरकार को गिराने पर बीजेपी पर जोरदार हमला बोला। जनता को हनुमान बनकर बीजेपी के भ्रष्टाचार लोक से कमलनाथ सरकार को वापस लाने का आह्वान कर दिया।
प्रियंका गांधी ने इंदौर से राम वनवास प्रसंग का भी जिक्र किया। रामायण और श्रीराम के चरित्र से सीख लेने की बात कही। भगवान राम के साथ साथ महात्मा गांधी का जिक्र किया। यानि कुल मिलाकर जनता को पाले में लाने के लिए प्रियंका गांधी ने हर उस मुद्दे को भाषण के जरिए जनता के सामने रख दिया जिनके सहारे बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर रहती है।
कमलनाथ को बताया धैर्यवान
प्रियंका गांधी की इस राम कथा का भी मध्य प्रदेश की राजनीति से सरोकार था। प्रियंका गांधी ने तकरीबन 18 सालों से मध्य प्रदेश की सियासत की दूरी का जिक्र किया। कमलनाथ के चरित्र को धैर्यवान बताते हुए इस बार कांग्रेस की सरकार चुनने की अपील की। दिपावली का महत्व बताते हुए प्रियंका गांधी ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस राज वापस लाने का इशारा दिया। बीजेपी को भ्रष्टाचारी बताते हुए जनता से भारतीय जनता पार्टी को हराने की अपील भी की।
नर्मदा तट से प्रियंका गांधी ने फूंका था चुनावी बिगुल
सोनिया और राहुल के बाद कांग्रेस की सबसे कद्दावर नेता प्रियंका ने जब जून महीने में जबलपुर के पवित्र नर्मदा तट से मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों का बिगुल फूंका था और उस वक्त से ही प्रियंका धर्म और आस्था के जिस आसमानी रंग में रंगी दिखाई दीं। उससे साफ हो गया कि 2024 से पहले हिंदुत्व के अपने सियासी हथियार की धार परखने का कोई भी मौका वो हाथ से जाने देना नहीं चाहतीं हैं।
हवा की रुख को मोड़ना प्रियंका ने कर्नाटक चुनाव से सीखा
जानकारों का मानना है कि हिंदुत्व की हवा का रुख कैसे अपने पाले में मोड़ना है प्रियंका कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान अच्छी तरह सीख चुकी हैं। कर्नाटक में अपने चुनावी अभियान के दौरान वो कई अलग-अलग मंदिरों में दर्शन करने पहुंचीं थीं। इतना ही नहीं जिस दिन कर्नाटक विधानसभा चुनावों के नतीजे आने वाले थे, उस दिन वो सुबह-सुबह प्रियंका शिमला के हनुमान मंदिर पहुंच गईं। मतलब साफ है कि चौबीस के चुनाव में मात देने से पहले प्रियंका हिंदुत्व पर बीजेपी को पटखनी देना चाहती हैं।
योगी आदित्यनाथ और हिमंत भी कूदे
कांग्रेस के हिंदूवादी एजेंडे पर बीजेपी हमेशा से हमलावर रही है और राहुल प्रियंका के हिंदुत्व पर भी बीजेपी का बड़ा पलटवार हुआ। मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के चंद दिनों में बीजेपी के स्टेट लीडर भी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। ऐसे में जब प्रियंका की जुबान से राम कथा निकली और राहुल ने केदारनाथ में सॉफ्ट हिंदुत्व को धार देने की कोशिश की तो यूपी के सीएम योगी और असम के मुख्य मंत्री हिमंत बिसवा सरमा भी जुबानी जंग में कूद पड़े। एक तरफ योगी ने राहुल गांधी को निशाने पर लिया तो हिमंत बिसवा सरमा ने कांग्रेस और कमलनाथ पर हिंदुत्व के दिखावे का आरोप मढ़ दिया।
क्या कांग्रेस की रणनीति बीजेपी के लिए बनी टेंशन?
देश में जातीय जनगणना की मांग को मुद्दा बना चुकी कांग्रेस को बीजेपी सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ चैलेंज कर रही है। ऐसे में कांग्रेस को भी पता है कि अगर चुनावी समर में भारतीय जनता पार्टी को मात देनी है तो बीजेपी के कोर एजेंडे में सेंध लगाना बहुत जरूरी है और कांग्रेस विधानसभा चुनाव की परीक्षा के साथ साथ 2024 की तैयारियों में हिंदू, हिंदुत्व और श्री राम को मजबूती के साथ जनता के सामने परोस रही है। कांग्रेस की रणनीति कहीं ना कहीं बीजेपी के लिए टेंशन लेकर आई है।
भाजपा स्टालिन के बयान को बना रही ढाल
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि की सनातन धर्म की आलोचना ने भाजपा के पुनरुद्धार के लिए एक अप्रत्याशित अवसर पैदा कर दिया था, जो एक अशिष्ट जागृति के रूप में आया। आरएसएस मशीनरी सभी निर्वाचन क्षेत्रों में हरकत में आ गई, भाषण की क्लिप को हिंदी अनुवाद के साथ चलाया और पर्चे बांटे कि कैसे कांग्रेस ने उन ताकतों के साथ मिलकर काम किया जो हिंदू धर्म को खत्म करने की योजना बना रही हैं।
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