कुमार गौरव, नई दिल्ली: बीजेपी अपने मिशन दक्षिण के तहत तेलंगाना के अलावा आंध्र प्रदेश में जमीनी स्तर पर खुद को मजबूत करने का लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए पार्टी ने राज्य में कई अभियान चलाया है। पिछले कुछ महीनों से संगठन के मामलों में दक्ष कई जमीनी नेताओं को बीजेपी ने आंध्र में जमीन पर काम करने के लिए उतारा है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक अब धीरे धीरे जमीनी स्तर पर संगठन के नेताओं की मेहनत रंग ला रही है।
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अभी हाल में संपन्न हुए बीजेपी के कार्यक्रम में बड़े स्तर पर आम लोगों के शरीक होने से बीजेपी का मनोबल और बढ़ा हैं। बीजेपी को लगता है कि अगर जमीनी कार्यकर्ता वहां टिके रहें तो,वाईएसआरसीपी यानी जगन मोहन रेड्डी के सामने एक मजबूत विपक्ष और विकल्प के रूप में बीजेपी खुद को स्थापित कर सकती है। बीजेपी ने पूरे आंध्र प्रदेश को संगठन की दृष्टि से चार भागों में बांट दिया है। ये इलाके हैं रायलसीमा, कोस्टल, गोदावरी, उत्तरांध्र ।
इन सभी इलाके में बीजेपी ने जगन मोहन रेड्डी सरकार के खिलाफ बड़ी सभा का आयोजन किया था । जिसे प्रजा पोरू नाम दिया गया था जिसका मतलब है नुक्कड़ सभा। नुक्कड़ सभा के आयोजन के पीछे का मकसद ये था की लोकल स्तर पर आम लोग इसमें जुड़े, ताकि ये समझ में आ सके कि बीजेपी की नीतियों से और वर्तमान सरकार के खिलाफ जो बीजेपी का आंदोलन है उसमे कितने लोग जुड़ रहे है। बीजेपी के मुताबिक इसमें उन्हें बेजोड़ सफलता मिली है। इसी के बाद से पार्टी आंध्रप्रदेश को लेकर उत्साहित है ।
बीजेपी को सबसे अधिक जनसमर्थन रायलसीमा इलाके में मिली, यहां पार्टी ने 2018 प्रजा पोरु सभा किया जिसमें 18.5 लाख से अधिक आम लोग शामिल हुए,जिसमे 13.5 लाख पुरुष और 4.5 लाख महिलाएं शामिल हुई । इसके अलावा कोस्टल इलाके में बीजेपी ने 1667 सभा किया । जिसमें कुल 13 लाख 20 हजार लोग शामिल हुए । गोदावरी इलाके में बीजेपी ने कुल 1805 प्रजा पोरु सभा किया । जिसमें 15.70 लाख से अधिक आम लोग शामिल हुए। वही उत्तरांध्र इलाके में बीजेपी की 1302 प्रजा पोरु सभा में 10.41 लाख से अधिक आम लोग शामिल हुए। कुल मिलकर बीजेपी के 6792 सभा में 57.87 लाख लोगों ने हिस्सा लिया।
बीजेपी के कार्यक्रमों में इतने लोगों के शामिल होने से पार्टी उत्साहित है । आंध्र प्रदेश में बीजेपी 2018 तक चंद्र बाबू नायडू की पार्टी तेलुगु देशम पार्टी की जूनियर पार्टी की भूमिका में ही रही थी। टीडीपी के साथ गठबंधन में रहते हुए बीजेपी ने 2014 में राज्य में दो लोकसभा सीटें और चार विधानसभा सीटें जीतीं थी। 2019 के आम चुनाव में बीजेपी आंध्रप्रदेश में अपना खाता नहीं खोल पाई थी। 2014 और 2019 के विधान सभा चुनाव में पार्टी का वोट शेयर 2.18 प्रतिशत और 0.8 प्रतिशत था। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत 0.96 था।
ऐसे में तीन साल की संगठन के मेहनत के बदौलत बीजेपी अब अपनी सभाओं में बड़ी भीड़ जोड़ने में कामयाब हुई है।
प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल, चंद्र बाबू नायडू की टीडीपी भी राज्य में कमजोर स्थिति में है, ऐसे में बीजेपी जगनमोहन रेड्डी के सामने राज्य में अपने आप को एक विकल्प के रूप में स्थापित करना चाहती हैं। बीजेपी के साथ अभिनेता पवन कल्याण की जन सेना पार्टी भी हैं । जन सेना की असली ताकत कापू समुदाय है। कापू समुदाय आंध्र की कुल आबादी की लगभग 20 प्रतिशत है। इस समुदाय का असर 40 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में है।
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इसके अलावा बीजेपी राज्य की पिछड़ी जाति वाले वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में जुटी है। इसके साथ ही बीजेपी वंशवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे को भी भी हवा दे रही है।
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