CBI Probe Against Oxfam India: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है। आरोप है कि ऑक्सफैम ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 यानी एफसीआरए के नियमों में गड़बड़ी की है। एफसीआरए एक्ट 2020 में लागू होने के बाद भी पैसों को विदेशी खातों में अलग-अलग संस्थाओं के जरिए ट्रांसफर करना जारी रखा था।
सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने एफसीआरए लाइसेंस के रिन्यूवल को दिसंबर 2021 में रद्द कर दिया था।
अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसा रखने का था प्लान
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आईटी सर्वेक्षण के दौरान पाए गए ईमेल से पता लगाया कि ऑक्सफैम इंडिया अपने निजी लाभ के लिए पैसों को अलग-अलग बैंक अकाउंट में रखने का प्लान बना रहा था। विदेशी संगठनों से फंडिंग भी आ रही थी।
जांच में यह भी सामने अया कि ऑक्सफैम इंडिया सोशल एक्टिविटी को चलाने के लिए रजिस्टर्ड है। वह अपने सहयोगियों और कर्मचारियों के जरिए सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च को कमीशन के रूप में फंड भेजती है। जांच में खुलासा हुआ कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में ऑक्सफैम इंडिया ने सीपीआर 12,71,188 रुपए का भुगतान किया है। यह धारा 194जे के तहत अवैध है।
ऑक्सफैम इंडिया ने नामित एफसीआरए खाते में विदेशी फंडिंग लेने के बजाय सीधे अपने अकाउंट में रखा। उसे करीब 1.50 करोड़ रुपए विदेशों से मिले हैं।