Manipur violence: मणिपुर सरकार ने स्थायी आवास योजना की घोषणा की, पीड़ित परिवारों को दिए जाएंगे 10 लाख रुपये
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Manipur violence: मणिपुर सरकार ने 3 मई के हुए हिंसा से पीड़ित परिवारों के लिए बड़ी राहत दी है। सरकार ने बुधवार को उन विस्थापित परिवारों के लिए एक स्थायी आवास योजना की घोषणा की है, जिनके घर में हिंसा के दौरान आग लगा दिए गए या क्षतिग्रस्त हो गए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार हिंसा में मणिपुर की घाटी और पहाड़ी इलाकों में करीब 4,800 से 5,000 घरों को नुकसान हुआ है।
किन परिवारों को मिलेगा योजना का लाभ
इस योजना की घोषणा उन लोगों के लिए किया गया है जिनके घर ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) द्वारा आयोजित जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद भड़की हिंसा में जला या क्षतिग्रस्त कर दिए गए थे। गैर-आदिवासी मैतेई और आदिवासी कुकी-जोमी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के दौरान कई लोगों के घर जल या क्षतिग्रस्त हो गए थे। योजना का कार्यान्वयन संबंधित जिला प्रशासन द्वारा प्रमाणित आवश्यकता आकलन के आधार पर संतुलित दृष्टिकोण से किया जाएगा।
इन जिलों में ज्यादा रहते हैं कुकी-जोमी आदिवासी
कुकी-जोमी आदिवासी ज्यादातर पांच पहाड़ी जिलों - चुराचांदपुर, कांगपोकपी, चंदेल, टेंग्नौपाल और फेरजॉल में रहते हैं, जबकि गैर-आदिवासी मेइती अन्य पांच घाटी जिलों - बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में रहते हैं।
10 लाख रुपये तक मिलेगी सहायता राशि
योजना के तहत, उन प्रभावित परिवारों को 10 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे जिनके पक्के घर जल गए या क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं, वैसे परिवार जिनके उन परिवारों को 7 लाख रुपये दिए जाएंगे जिनके अर्ध-स्थायी घर जल गए या क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 5 लाख रुपये दिए जाएंगे। वे प्रभावित परिवार जिनके पास कच्चे (अस्थायी) घर हैं जो दंगों में जला दिए गए या क्षतिग्रस्त हो गए।
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आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त या जले हुए घरों की मरम्मत के लिए, पैकेज राशि का 50 प्रतिशत (पक्के / अर्ध-पक्के / कच्चे ढांचे के अनुसार) या मरम्मत की वास्तविक लागत, जो भी कम हो, हिंसा प्रभावित परिवारों को वितरित की जाएगी।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने क्या कहा?
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने हाल ही में कहा था कि विस्थापित लोगों के अस्थायी पुनर्वास के लिए 149 करोड़ रुपये की लागत से पूर्वनिर्मित घरों का निर्माण किया जा रहा है, जबकि राज्य में हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए मूल स्थानों पर स्थायी घर बनाए जाएंगे।
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