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‘राजनीति नहीं, जिम्मेदारी तय होनी चाहिए’, मोरबी पुल हादसे पर बोलीं बंगाल की CM ममता बनर्जी

Morbi Bridge Collapse Tragedy: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बुधवार को गुजरात के मोरबी में पुल गिरने की घटना पर दुख और दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करना चाहतीं हैं। तमिलनाड़ु के मुख्यमंत्री और द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन से मिलने के लिए चेन्नई […]

Morbi Bridge Collapse Tragedy: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बुधवार को गुजरात के मोरबी में पुल गिरने की घटना पर दुख और दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करना चाहतीं हैं। तमिलनाड़ु के मुख्यमंत्री और द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन से मिलने के लिए चेन्नई रवाना होने से पहले कोलकाता हवाईअड्डे पर पत्रकारों से बात कर रहे बनर्जी ने कहा कि घटना की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक आयोग का गठन किया जाना चाहिए।

अभी पढ़ें केजरीवाल सरकार का बड़ा ऐलान, निर्माण कार्यों से जुड़े श्रमिकों को देंगे 5,000 रुपए की आर्थिक मदद उन्होंने कहा, "मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगी क्योंकि लोगों का जीवन राजनीति से ज्यादा महत्वपूर्ण है। मैं अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं। कई लोग मारे गए हैं और कई अभी भी लापता हैं। मोरबी की घटना की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के तहत एक न्यायिक आयोग बनाया जाना चाहिए।"

ममता ने पूछा ये सवाल

बनर्जी ने यह भी पूछा कि प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी केंद्रीय एजेंसियां ​​त्रासदी में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही हैं, यह कहते हुए कि जवाबदेही तय की जानी चाहिए। हालांकि, उन्होंने 2016 में कोलकाता की एक व्यस्त सड़क पर एक पुल के ढहने की घटना के बाद पीएम मोदी की टिप्पणी पर कुछ भी बोलने से इनकार किया। उन्होंने कहा, "मैं पीएम (नरेंद्र मोदी) के बारे में कुछ नहीं बोलूंगी.. मैं राजनीति के बारे में कुछ नहीं बोलूंगी।" अभी पढ़ें Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय राउत की न्यायिक हिरासत फिर 14 दिन बढ़ी बता दें कि गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर को करीब 140 साल पुराना हैंगिंग ब्रिज गिर गया था, जिसमें कम से कम 135 लोगों की मौत हो गई। समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार, मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए 9 लोगों में से 4 को पुलिस हिरासत में और शेष पांच को 5 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस हिरासत में चार व्यक्तियों में से दो ओरेवा कंपनी के प्रबंधक हैं और अन्य दो ठेकेदार हैं। अभी पढ़ें –  देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें

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