मालदीव से ज्यादा खूबसूरत है लक्षद्वीप, मन मोह लेंगे समुद्री किनारे, बनेगा फेवरेट टूरिस्ट डेस्टिनेशन!
Maldives after PM Modi visit to Lakshadweep island: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव चिढ़ गया है और बहुत निराश है। पीएम की लक्षद्वीप यात्रा और वहां से सामने आईं उनकी तस्वीरें बहुत चर्चा में है। प्रधानमंत्री का लक्षद्वीप जाना वहां पर्यटन को बढ़ावा देने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इसकी वजह ये है कि पर्यटन के लिए जाने की बात जब भी आती है तो मालदीव का नाम पहले आता है, जबकि लक्षद्वीप भी कम खूबसूरत नहीं है। मालदीव और लक्षद्वीप के बीच दूरी भी ज्यादा नहीं है। पीएम की यात्रा के बाद लक्षद्वीप के टूरिस्ट हब बनने की चर्चा चल रही है। इससे सबसे ज्यादा चिंता मालदीव को है।
सवाल है कि जब भारत के पास लक्षद्वीप जैसा इतना खूबसूरत टापू है तो बड़ी संख्या में लोग मालदीव या दूसरे देशों में छुट्टियां मनाने क्यों जाते हैं, आखिर इसकी क्या वजह है। अगर भारत के लोग मालदीव की बजाय लक्षद्वीप में छुट्टियां मनाएं तो देश का पैसा देश में ही रहेगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। पीएम मोदी की यात्रा के बाद लक्षद्वीप ट्रेंड कर रहा है। बॉयकॉट मालदीव भी ट्रेंड कर रहा है। पीएम की लक्षद्वीप यात्रा से मालदीव को डर है कि उसके यहां पर्यटकों की संख्या कम हो जाएगी। हालांकि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि लक्षद्वीप की तरफ पर्यटकों का रुख होने से मालदीव को कितना बड़ा झटका लगेगा।
भारत और मालदीव के संबंध पुराने हैं। 2004 में आई सुनामी और दिसंबर 2014 में मालदीव की राजधानी माले में जल संकट के दौरान भारत ने मालदीव की सबसे ज्यादा सहायता की। 1988 के तख्तापलट के प्रयास के दौरान भी भारत ने मालदीव की सहायता की जिस वजह से दोनों देशों के संबंध मजबूत हुए थे।
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लक्षद्वीप बन सकता है टूरिस्ट हब
लक्षद्वीप प्राकृतिक सुंदरता के मामले में मालदीव से कहीं से भी कम नहीं है, बावजूद इसके मालदीव टूरिस्ट्स के लिए आकर्षण का केंद्र इस वजह से बना हुआ है क्योंकि वहां टूरिज्म के लिए बुनियादी ढ़ांचा विकसित हो गया है। वहां के विला भी आकर्षण का केंद्र हैं। पर्यटकों को वहां ठहरने, खाने पीने और आवागमन की अच्छी सुविधाएं मिल जाती हैं। पर्यटकों से मालदीव की बहुत कमाई भी होती है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था चलती है। अगर लक्षद्वीप में उतना पैसा खर्च करके पर्यटकों के लिए विकसित किया जाए तो यह मालदीव को बहुत पीछे छोड़ सकता है।
लक्षद्वीप है मालदीव से ज्यादा बेहतर
मालदीव की तुलना में भारत के टापू लक्षद्वीप में पर्यटन के लिए वैसा विकास नहीं हो पाया है जैसा होना चाहिए था। इसकी वजह पर्यावरण को लेकर चिंता भी है। यही वजह है कि भारत लक्षद्वीप की सुंदरता का फायदा टूरिज्म को बढ़ावा देकर लाभ कमाने में नहीं कर पा रहा है। जरूरी है कि भारत पर्यावरण की चिंता करते हुए भी मालदीव को ऐसा बनाए जिससे पर्यटक मालदीव न जाकर लक्षद्वीप जाएं। लोगों में एक संदेश भेजना चाहिए कि प्रकृति के साथ समय बिताने के लिए लक्षद्वीप मालदीव की तुलना में ज्यादा बेहतर हो सकता है।
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