महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार की नाराज़गी दूर हुई! मुख्यमंत्री शिंदे ने बनाया पुणे का पालक मंत्री
Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar Demand: महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार की नाराज़गी दूर हो गई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अजित पवार को पुणे शहर का पालक मंत्री बना दिया है। साथ ही उनके करीबी नेता दिलीप वलसे पाटिल को बुलढाणा, हसन मुश्रीफ को कोल्हापुर, धनंजय मुंडे को बीड़, धर्मबाबा आत्राम को गोंदिया और अनिल भाईदास पाटिल को नंदूरवार जिले का पालक मंत्री बनाया गया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पालक मंत्री नियुक्त करने की व्यवस्था है, जिसे राज्य सरकार ही नियुक्त करती है। इसी प्रावधान के तहत अजित पवार की पालक मंत्री के पद पर निुयक्ति हुई है।
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अजीत पवार कैबिनेट में शामिल होने नहीं आए
मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं होने से अजीत पवार की नाराजगी की खबरों ने और जोर पकड़ा। सूत्रों के मुताबिक, अजीत पवार मंत्रालय में मौजूद रहे, लेकिन कैबिनेट की बैठक में नहीं गए। दरअसल पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार के बीच मनमुटाव की खबरें आ रही हैं। इसका अंदाजा इस तरह से भी लगाया जा रहा था कि मुख्यमंत्री के बंगले वर्षा पर गणपति बप्पा के दर्शन के लिए महायुति के लगभग सभी बड़े नेता आए। यहां तक कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी आए, लेकिन मुंबई में रहकर भी अजीत पवार वर्षा बंगले पर नहीं गए।
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अजीत पवार के करीबियों को भी खुश किया गया
ख़बर है कि अजीत पवार को काम करने की आजादी नहीं मिलने से वे परेशान हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोई फाइल अजीत पवार स्वीकृत करते हैं तो सबसे पहले उसे उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास भेजा जाए और उनकी स्वीकृति के बाद ही मेरे पास लाया जाए। इससे अजीत पवार काफी नाराज थे। अजीत पवार खुद को और अपने मंत्रियों को पालक मंत्री पद नहीं दिए जाने से भी नाराज थे। अजीत पवार का पुणे शहर में काफी दबदबा है, लेकिन पुणे के पालक मंत्री पर भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत पाटिल का दावा था। कई जगहों पर पालक मंत्री को लेकर टकराव था, इसलिए पालक मंत्री के चयन में देरी हो रही थी, लेकिन देर आए दुरुस्त आए। अजीत पवार को पुणे का पालक मंत्री पद तो मिला ही, साथ ही उनके करीबियों को भी खुश करने की कोशिश की गई है।
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