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बाघ, शेर, हाथी गायब…कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाघर की जमीन को लेकर हो रही है साजिश?

Kolkata Alipore Zoology: कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाघर से रातों-रात कैसे गायब हो गए 321 जानवर? क्या इन पशुओं की अवैध तस्करी हो रही है? क्या अलीपुर चिड़ियाघर की जमीन पर भी रियल एस्टेट की नजर? जानिए क्या है पूरा मामला।

Kolkata Alipore Zoology: कोलकाता के 148 साल पुराने अलीपुर चिड़ियाघर में जानवरों की गिनती में भारी गड़बड़ी का मामाल सामने आया है। 2023-24 के अंत में यहां 672 जानवर थे, जबकि अगली सुबह यह संख्या घटकर 351 हो गई थी। यह वाइल्डलाइफ प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है, जिसमें रातोंरात रिकॉर्ड्स कैसे बिगड़ सकते हैं? आखिर सिर्फ 1 रात के अंदर-अंदर 321 जानवर गायब हो गए, जिनमें बाघ, शेर, हाथी, गैंडे जैसे जानवर शामिल हैं। अब चिड़ियाघर की 3 एकड़ जमीन को व्यावसायिक कामों के लिए बेचने की योजना भी सामने आई है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये सब एक बड़ी साजिश है।

क्या हुआ जानवरों का?

खोएं हुए जानवरों के बारे में कुछ पता नहीं लग सका है। शहर के एक NGO ने याचिका करते हुए यह आरोप लगाया है कि इन जानवरों की गिनती में गड़बड़ी की बात सिर्फ टालने के लिए कही जा रही है। इन जानवरों की अवैध तस्करी और उनके शरीर के हिस्से जैसे दांत और खाल को अवैध तरीके से बेचा जा रहा है। इस पर एनजीओ सदस्य स्वर्णाली चटर्जी कहती हैं कि जानवरों की संख्या की गड़बड़ी का मामला सालों से ऐसा ही रहा है। ऐसे में वास्तव में यह गलती है या कुछ और? इसके लिए रिपोर्ट का सही तरीके से तैयार होना और सच्चाई के साथ पेश करना होगा। ये भी पढ़ें- मामूली लड़ाई के बीच निकला तेजधार हथियार, बीच सड़क पर महिला ने दी जान से मारने की धमकी

कब से गायब हो रहे हैं जानवर?

जानवरों के गायब होने का मामला साल 1996 से चलता आ रहा है। तब संख्या 5,10,15 होती थी जो अब बढ़कर 200-300 तक पहुंच गई है। इतने जानवरों का एकसाथ गायब होना चिंता की बात है। अगर यह गिनती की गलती है तो भी इसे ठीक करना बहुत जरूरी है। NGO द्वारा याचिका की सुनवाई 24 जुलाई को कलकत्ता हाई कोर्ट में होगी। इस दिन बेंच चिड़ियाघर प्राधिकरण से पिछले 10 सालों की सूची पेश करेगी।

जमीनों पर कब्जा करने का मामला क्या है?

अलीपुर का चिड़ियाघर कोलकाता के पॉश इलाके में है। यह 45 एकड़ में फैला हुआ है, जिसकी कीमत हजारों करोड़ों रुपये बताई जा रही है। यहां हरियाली, जलाशय और माइग्रेटरी बर्ड्स का भी ठिकाना है, जो इस जगह को कीमती बनाती है। इसलिए, आरोप लगाए जा रहे हैं कि यहां की जमीन खरीदने के लिए रियल एस्टेट अपनी नजर बनाए हुए है। दरअसल, इससे पहले चिड़ियाघर परिसर में बना एक एनिमल हॉस्पिटल को तोड़कर वहां, ऊंची नई इमारतों का निर्माण भी हो रहा है, जबकि ये CZDA के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ये सिर्फ आंकड़ों की गलती है या वन्यजीव तस्करी से लेकर जमीनों को लेकर हो रही साजिश का भी इससे कोई संबंध है। ये भी पढ़ें- क्या है तमिलनाडु पुलिस कस्टडी में मौत का मामला? जिसके पीड़ित परिवार को मिलेंगे 25 लाख रुपये


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