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पंजाब में CID और विदेश मंत्रालय में संभाल चुके हैं अहम पद, कौन हैं कनाडा में निष्कासित हुए IPS पवन कुमार राय

IPS Pawan Kumar Rai: कनाडा और भारत के बीच खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद में निज्जर की हत्या को लेकर भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया। इसी बीच कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने वहां भारतीय […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Sep 20, 2023 11:06
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IPS Pawan Kumar Rai: कनाडा और भारत के बीच खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद में निज्जर की हत्या को लेकर भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया। इसी बीच कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने वहां भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया। इतना ही नहीं उनका नाम भी सार्वजनिक कर दिया। इस विवाद के बाद भारतीय खुफिया एजेंसी के अधिकारी और रायनयिक पवन राय का नाम भी चर्चाओं में आ गया है।

पंजाब कैडर के हैं IPS अधिकारी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पवन कुमार राय 1997 बैच के पंजाब कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। बताया गया है कि 1 जुलाई 2010 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। इसके बाद दिसंबर 2018 में उन्हें विदेश मंत्रालय (एमईए) के संयुक्त सचिव और कैबिनेट सचिवालय में निदेशक के रूप में तैनात किया गया।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से पहले पवन कुमार राय पंजाब में सीआईडी अमृतसर में एसपी के पद पर तैनात थे। बाद में जुलाई साल 2008 में जालंधर एसएसपी के रूप में पदोन्नत किया गया।

कनाडा ने लगाए हैं ये आरोप

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 जून को खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत की भूमिका का आरोप लगाया। पीएम के बयान के तुरंत बाद कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने शीर्ष भारतीय राजनयिक पवन राय कुमार को निष्कासित कर दिया। साथ ही उन्हें देश छोड़ने का भी आदेश दे दिया। बताया गया है कि कनाडाई पुलिस ने निज्जर की हत्या के संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है।

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रिपोर्ट में इतना तक कहा गया है कि भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने का निर्णय जस्टिन ट्रूडो पर खालिस्तानी समूहों के दबाव में आकर लिया है। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारत में खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ बयान जारी करने के बाद खालिस्तानी समूह कथित तौर पर जस्टिन ट्रूडो से नाराज थे।

खालिस्तानियों के निशाने पर रहे ये अधिकारी

निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तानी समर्थक समूह ओटावा, टोरंटो और वैंकूवर में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं। खालिस्तानी नेताओं ने कई बार पोस्टर और बैनर से भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा, भारत के काउंसिल जनरल अपूर्व श्रीवास्तव समेत अन्य भारतीय राजनयिकों को खुलेआम धमकी दी थी।

हालांकि, कनाडाई अधिकारियों ने अभी तक खालिस्तानी चरमपंथियों और मंदिरों में तोड़फोड़ के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। कनाडा स्थित एक भारतीय ने मीडिया को बताया कि भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने का कदम कुछ और नहीं बल्कि खालिस्तानी चरमपंथियों को लुभाने का एक प्रयास है। इससे पहले जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत यात्रा के दौरान जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।

भारत ने आरोपों को किया खारिज

भारत सरकार ने मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि कनाडा सरकार के आरोपों को खारिज किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने कनाडा के प्रधानमंत्री के उनकी संसद में दिए गए बयान और उनके विदेश मंत्री के बयान को देखा है, जिसके बाद कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा में हिंसा के किसी भी काम में भारत की संलिप्तता के आरोप बेतुके और प्रेरित हैं। मंत्रालय ने कहा कि इसी तरह के आरोप कनाडाई प्रधानमंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री पर भी लगाए थे, जिन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया।

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Edited By

Naresh Chaudhary

First published on: Sep 20, 2023 11:06 AM
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