Kerala News: केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि पिता से शादी खर्च पाने के लिए हर बेटी हक रखती है। फिर चाहे वह किसी भी धर्म की हो। दरअसल बेंच के सामने सवाल उठा था कि क्या एक ईसाई बेटी को अपने पिता की अचल संपत्ति या उससे होने वाले मुनाफे से शादी का खर्च हासिल कर सकती है।
जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस पीजी अजित कुमार की खंडपीठ ने कहा, 'यह हर अविवाहित बेटी का अधिकार है, भले ही उसका धर्म कुछ भी हो। लेकिन किसी के धर्म के आधार पर इस तरह के अधिकार का दावा नहीं किया जा सकता है। अविवाहित बेटी का अपने पिता से शादी का खर्च उठाने का अधिकार कानूनी है। हालांकि बाद में संपत्ति कुर्क करने की याचिका खारिज कर दी गई।
दरअसल, पिता से अलग अपनी मां के साथ रह रहीं दो बहनें केरल हाईकोर्ट पहुंची थीं। बेटियों का कहना था कि उनके पिता ने पत्नी यानी उनकी मां के जेवर बेचकर और ससुराल से मिले पैसों से प्रॉपर्टी खरीदी थी। पिता ने कोई मदद नहीं की। वहीं, पिता ने पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का दावा किया है।
इससे पहले बेटियों ने अपनी शादी के खर्चे के लिए फैमिली कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसमें 45.92 लाख रुपए की वसूली के साथ पिता की संपत्ति पर इन पैसों के लिए डिक्री बनाने की मांग की गई थी। फैमिली कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि 7.5 लाख रुपए उनके लिए पर्याप्त होंगे।