Karnataka Election Results: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि पार्टी लोगों के जनादेश का सम्मान करती है। भाजपा के लिए हार-जीत कोई नई बात नहीं है। पार्टी कार्यकर्ताओं को इन नतीजों से घबराने की जरूरत नहीं है। हम पार्टी को मिली हार पर आत्मनिरीक्षण करेंगे। मैं सम्मानपूर्वक इस फैसले को स्वीकार करता हूं।
बता दें कि चुनाव आयोग के अनुसार, कांग्रेस ने 224 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है। राज्य में चार साल तक शासन करने वाली भाजपा सत्ता से बाहर हो गई है।
बोम्मई ने कहा- हम नतीजों का विश्लेषण करेंगे
येदियुरप्पा ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन टूटने के बाद 2019 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से पहले दो साल मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। 2021 में बसवराज बोम्मई सीएम बने थे। बोम्मई ने भी हार स्वीकार की और कहा कि भाजपा जनता पर अपनी छाप नहीं छोड़ पाई। नतीजे आने के बाद हम इसका विस्तृत विश्लेषण करेंगे। हम सिर्फ विश्लेषण ही नहीं करेंगे, बल्कि यह भी देखेंगे कि विभिन्न स्तरों पर क्या कमियां और कमियां रह गईं।
2018 के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी थी भाजपा
2018 के चुनाव में भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। हालांकि 113 के बहुमत के आंकड़े को नहीं छू पाई थी। कांग्रेस ने 80 सीटें जीती थीं, जबकि जनता दल (सेक्युलर) ने 37 सीटें हासिल की थीं। एक निर्दलीय सदस्य भी था। जबकि बसपा और कर्नाटक प्रज्ञावंत जनता पार्टी (केपीजेपी) के खाते में एक-एक सीट आई थी।
कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर गठबंधन किया और सरकार बनाई। लेकिन बीएसवाई ने दावा ठोंक दिया था और सरकार बना ली थी। लेकिन विश्वास मत हासिल नहीं कर पाने के लिए तीन दिनों के भीतर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बनने के बाद एचडी कुमारस्वामी ने सीएम पद की शपथ ली थी। लेकिन 17 गठबंधन विधायकों के इस्तीफे के बाद एक साल से भी कम समय में गठबंधन सरकार गिर गई।
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