कर्नाटक बंद का दिखा असर, सड़कें दिखीं सुनसान; फिल्म स्टार भी उतरे समर्थन में
Karnataka bandh schools colleges closed: कावेरी जल विवाद को लेकर शुक्रवार को कन्नड़ समर्थक संगठनों की ओर से कर्नाटक बंद का आह्वान किया गया था। जिसके कारण राजधानी समेत कई जगह जनजीवन प्रभावित हुआ। सड़कों पर वीरानी छाई रही और दुकानें बंद दिखीं। बेंगलुरु को जहां आम दिनों में सड़क जाम के लिए जाना जाता है। वहां की सड़कें सुनसान दिखीं। किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए बंद का कर्नाटक के कई फिल्म सितारों ने समर्थन किया। श्रीनाथ, श्रुति, उमाश्री, रघु मुखर्जी ने बंद के समर्थन में आवाज बुलंद की।
वहीं, अनु प्रभाकर, विजय राघवेंद्र, मुरली भी किसानों के साथ खड़े दिखे। उधर, नीनासम सतीश, पूजा गांधी, भामा हरीश, अनिरुद्ध, पद्मा वसंती, रूपिका और कई अन्य एक्टर किसानों के लिए सड़कों पर उतरे। उन्होंने कहा कि कावेरी नदी का पानी कर्नाटक के किसानों के लिए संजीवनी है। जिसको किसी और को देना सही नहीं है। बता दें कि कर्नाटक बंद के चलते अधिकतर लोग घरों में ही दुबके रहे। जिन लोगों को जरूरी काम हुआ, वे लोग पैदल सफर करते दिखे।
तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने का मामला लगातार कर्नाटक में तूल पकड़ रहा है। कन्नड़ समर्थकों और किसान संगठनों की ओर से इसके विरोध में शुक्रवार को कर्नाटक बंद का आह्वान किया गया। जिसके बाद बेंगलुरु में प्रशासन ने सभी शैक्षिक संस्थानों में छुट्टी करने का एलान कर दिया। मंगलवार को भी किसान संगठनों ने बेंगलुरु बंद की घोषणा की थी। बेंगलुरु डीसी केए दयानंद ने कहा कि कई संगठनों ने कर्नाटक बंद का एलान किया था। स्टूडेंट्स के हितों को देखते हुए ही छुट्टी की गई। वहीं, बंद को देखते हुए धारा 144 भी लागू की गई।
अभी हाल में कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) और कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) के मामले में हाईकोर्ट ने भी हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था। जिसके बाद ही तमिलनाडु को पानी छोड़े जाने के फैसले का विरोध हो रहा है। सीडब्ल्यूआरसी की ओर से भी कर्नाटक को 28 सितंबर से 15 अक्टूबर तक के लिए निर्देश जारी किया गया था। जिसके तहत बिलीगुंडलू से 3 हजार क्यूसेक जल कावेरी में छोड़ा जाना था। इससे पहले यह 5 हजार क्यूसेक निर्धारित किया गया था।
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एक्टर सिद्धार्थ की प्रेस कांफ्रेंस में भी हुआ था विरोध
इससे पहले एक्टर सिद्धार्थ ने अपनी फिल्म चिक्कू के लिए वीरवार को प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी। जिसमें कर्नाटक रक्षण वेदिके स्वाभिमानी सेना के मेंबर घुस आए थे। इन लोगों ने कहा था कि ये फिल्म के प्रचार का सही समय नहीं है। इस समय तमिलनाडु अपने लिए कर्नाटक से पानी की मांग कर रहा है। वहीं, कर्नाटक रक्षणा वेदिके (केआरवी) कार्यकर्ताओं ने भी सिद्धारमैया सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था। बेंगलुरु में आयोजित प्रोटेस्ट में सांसदों के खिलाफ भी आरोप लगाए गए थे। कार्यकर्ताओं ने कावेरी हमारी है...के नारे लगाए थे।
सांसद इस मुद्दे को उठाएं, नहीं इस्तीफा दें
केआरवी महिला विंग की अध्यक्ष अश्विनी गौड़ा ने कहा कि अब सांसदों को लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए। कन्नड़ लोगों के लिए अगर जरूरत पड़े, तो उनको रिजाइन भी करना चाहिए। ये मुद्दा 150 सालों से कन्नड़ हितों के लिए सुलझाना जरूरी है। इस मामले में पीएम को भी दखल देना चाहिए। कर्नाटक के सांसद भी मुद्दे को उठाने के बजाय बेरुखी दिखा रहे हैं। ऐसे में सभी सांसदों को इस्तीफा देना चाहिए।
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