Jammu-Kashmir: जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासिन मलिक की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। 1989 में तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण मामले में चश्मदीद ने यासीन मलिक की पहचान कर ली है। यासीन मलिक को शुक्रवार को टाडा कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था।
चश्मदीद गवाह ने कहा, वह रुबैया सईद के अपहरण के समय उत्तर कश्मीर के बारामुला जिले में सोपोर गए थे। उसने केस से जुड़े स्थान और उससे जुड़े व्यक्तियों की पहचान की। अभियोजन ने कहा कि यह उनके केस के लिए एक बड़ी सफलता है।
प्रत्यक्षदर्शी नंबर 13 ने की पहचान
वरिष्ठ सरकारी अभियोजक एसके भट ने कहा कि आज रुबैया सईद अपहरण मामले में यासीन मलिक को टाडा कोर्ट के विशेष न्यायाधीश के सामने वर्चुअली पेश किया गया। दो प्रत्यक्षदर्शियों को बुलाया था। नंबर 7 और नंबर 13। प्रत्यक्षदर्शी नंबर 13 अदालत में आया था। जबकि नंबर 7 स्वास्थ्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सका।
एक अन्य आरोपी भी पहचाना गया
भट ने कहा कि प्रत्यक्षदर्शी नंबर 13 ने यासीन मलिक की पहचान की। साथ ही ओपन कोर्ट में एक अन्य आरोपी मोहम्मद जमान की भी पहचान की। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्षदर्शी ने स्वीकार किया कि वह रुबैया सईद के अपहरण के एक दिन बाद एक और प्रत्यक्षदर्शी के साथ सोपोर गए थे। खान गेस्ट हाउस में दो अभियुक्तों से मुलाकात की और उन्होंने दोनों अभियुक्तों की पहचान की।
दो आरोपियों में से, अली मोहम्मद मीर यासीन मलिक के बाद अपहरण के मामले में प्रमुख आरोपी है। अली मोहम्मद रुबैया सईद को श्रीनगर से सोपोर अपने वाहन में ले गया था। उन्हें खान गेस्ट हाउस में रखा था। प्रत्यक्षदर्शी ने अदालत में दो बार स्थानों और अभियुक्तों की पहचान की।
अब अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी
अदालत ने अभियोजन पक्ष को 31 मार्च को सुनवाई की अगली तारीख तय की है। निर्देश दिया है कि उस दिन मामले में दो गवाहों को पेश किया जाए। इससे पहले 15 जुलाई को आखिरी सुनवाई के दौरान रुबैया ने मलिक सहित पांच अभियुक्तों की पहचान की थी।