Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma on Bharat Name Row: भारत बनाम इंडिया की जंग जारी है। बुधवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह ने बतौर भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। उन्होंने अपनी शपथ में कहा था, मैं भारत का प्रधानमंत्री। दोनों नेताओं ने यह नहीं कहा था कि मैं इंडिया का प्रधानमंत्री। 2016 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भी इस बात का जिक्र है। बीते दिनों जब गृह मंत्री अमित शाह भारतीय न्याय संहिता संसद के पटल पर रखी थी, तब किसी ने विरोध नहीं किया था। तो अब क्यों है?
विपक्ष का आरोप है कि भाजपा अब देश का नाम बदलना चाहती है। इसलिए इंडिया के बजाय भारत शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नामों के साथ भारत शब्द का इस्तेमाल हो रहा है। हिमंत बिस्वा सरमा पहले ऐसे भाजपाई नेता थे, जिन्होंने अपना एक्स बायो भारत में बदला था।
यह कोई बहस का मुद्दा नहीं
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर मुझे ठीक से याद है तो जब मनमोहन सिंह जी ने शपथ ली थी तो उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री की शपथ ली थी। जब देवेगौड़ा जी ने शपथ ली तो भारत के प्रधानमंत्री के रूप में ली थी। जहां तक मुझे याद है, इंदिरा गांधी ने भी इंडिया के प्रधान मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी। तो यह कोई बहस का मुद्दा नहीं है।
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम ने कई पुरानी चीजें बदली हैं और अब केंद्र में भी बदलाव किए जा रहे हैं।
हिमंत ने शशि थरूर को जिन्ना करार दिया
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भाजपा पर जिन्ना के विचारों का समर्थक होने का आरोप लगाया। कहा कि जिन्ना ने ही इंडिया नाम पर आपत्ति जताई थी। इस पर हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि थरूर ने जो कहा वह आधा सच था। जिन्ना ने क्या कहा, यह महत्वपूर्ण नहीं है। हमारे लिए महत्वपूर्ण यह है कि ऋषियों और संत कौन सा नाम इस्तेमाल करते थे। वह इंडिया नहीं भारत था।
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