जानकारी के मुताबिक, इस सबमरीन (INS Vagir) में ऑक्सीजन बनाने की भी पूरी क्षमता है जिसकी वजह से ये लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती है। इस सबमरीन की लंबाई 221 फीट है जबकि ऊंचाई 40 और ड्राफ्ट 19 फीट है। समुंद्री लहरों पर इसकी स्पीड प्रतिघंटा 20 किलोमीटर है जबकि पानी के अंदर इसकी रफ्तार 37 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
बता दें कि मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) मुंबई की ओर से नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से कलवारी श्रेणी की पनडुब्बियों का निर्माण भारत में किया जा रहा है।
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वागीर का रहा है गौरवशाली इतिहास
वागीर का एक गौरवशाली इतिहास रहा है क्योंकि इसी नाम की पनडुब्बी को नवंबर 1973 में कमीशन किया गया था और इसने कई मिशन को पूरा किया था। लगभग तीन दशकों तक देश की सेवा करने के बाद जनवरी 2001 में इसे सेवामुक्त कर दिया गया था। वागीर को अपने नए अवतार में आज तक की सभी स्वदेशी निर्मित पनडुब्बियों में सबसे कम निर्माण समय होने का गौरव प्राप्त है।
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