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KAZIND 2023: कजाकिस्तान के साथ भारत का युद्धाभ्यास देखेगी दुनिया, रवाना हुए 120 जवान

India Kazakhstan Joint Military Exercise KAZIND 2023 : युद्धाभ्यास KAZIND 2023 के लिए भारतीय सुरक्षा बलों का दल कजाकिस्तान रवाना हो गया है, कल से शुरू होने वाले सैन्य अभ्यास में भारतीय सुरक्षा बल अपना दमखम दिखाने के लिए तैयार हैं।

Indian Army and Indian Air Force
India Kazakhstan Joint Military Exercise KAZIND 2023(पवन मिश्रा) : इंडियन आर्मी के 120 शूरवीर आज 'हम भी हैं जोश में' के साथ कजाकिस्तान के लिए रवाना हुए हैं, यह अभ्यास 30 अक्टूबर से 11 नवंबर 2023 तक ओटार, कजाकिस्तान में आयोजित किया जाएगा। डोगरा रेजिमेंट अपनी फायरिंग और कुशल नेतृत्व का मुजायरा कजाकिस्तान की धरती पर दिखाने वाली है। यह भी पढ़ें- Good Bye ‘काली-पीली’ टैक्सी, 60 साल बाद हो रही विदाई, कल अपने अंतिम सफर पर दौड़ेगी प्रीमियर पद्मिनी

दोनों देश की सेनाएं दिखाएंगी युद्व कौशल

कर्नल चमोली ने न्यूज 24 को जानकारी देते हुए बताया कि दोनों देशों की आर्मी, आतंकवाद विरोधी अभियानों के संचालन छापेमारी, खोज और विनाश संचालन के मकसद से शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अभ्यास के दायरे में काउंटर मानव रहित हवाई प्रणाली(system) का भी संचालन किया जाएगा। आपको बता दें कि एक्सरसाइज 'प्रबल दोस्तिक' के नाम से साल 2016 में यह युद्धाभ्यास शुरू किया गया था, बाद में इसका नाम यानी साल 2018 से बदलकर एक्सरसाइज 'काजिंद' कर दिया गया। काजिंद का मतलब दोस्ती से है। इस अभ्यास में दोनों देश की सेना अपने युद्व कौशल को एक दूसरे के साथ साझा करेगी। इसके साथ ही हमास और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध को भी देखते हुए एक अटेकर के तौर पर एक दूसरे से ग्राउंड पर लड़ेगी।

तमाम आर्म्स का किया जाएगा इस्तेमाल

30 अक्टूबर से लेकर 11 नवंबर 2023 तक ओटार, कजाकिस्तान में आयोजित होने वाले इस युद्धाभ्यास में सबसे खास बात यह भी है कि 'मेक इन इंडिया' से बने तमाम आर्म्स का इस्तेमाल किया जाएगा। रूस और यूक्रेन की भी लड़ाई थमने का नाम नही ले रही है, इस लड़ाई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल हवाई फायरिंग और अर्टिलिटी का किया जा रहा है। इसी को देखते हुए एयरफोर्स के भी 30 सैनिक इसमें भाग लेंगे। थल और वायु दोनों तरफ से इंडियन आर्मी अपनी ताकत दिखाएगी। इस युद्धाभ्यास को रक्षा मामलों के जानकार बेहद ही महत्वपूर्ण मान रहे हैं, उनका कहना है कि भारत का सबसे बड़ा दुश्मन इसी ताक में लगा रहता है कि कैसे भारत को हानि पहुचाई जा सके। ईस्टर्न इलाके में इस तरह का सैन्य अभ्यास उन सभी दुश्मनों के लिए एक संदेश है - हमारी ओर आंख उठाकर देखने से पहले वही सो बार सोच लें।


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