डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद सरकार द्वारा एक के बाद एक कई बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। इसी फैसले के तहत अमेरिका अपने फाइटर जहाज को ज्यादा से ज्यादा बेचकर मुनाफा कमाना चाहता है। इसी बीच अमेरिकन आर्मी का एक गुट भारत आया है। यहां अमेरिकन आर्मी भारत की थल, जल और वायु तीनों सेनाओं के साथ एक बड़ा युद्धाभ्यास करेंगे। भारत-अमेरिका की सेनाएं ये युद्धाभ्यास आज शुरू करेंगी। इस युद्धाभ्यास को 'टाइगर ट्रायम्फ' नाम दिया गया है।
म्यामार भूकंप पर होगा फोकस
भारत-अमेरिका की सेनाएं 2 अप्रैल से 'टाइगर ट्रायम्फ' युद्धाभ्यास को शुरू करेंगी। इस युद्धाभ्यास का आयोजन पूर्वी तट पर विशाखापट्टनम और काकीनाडा के तटीय क्षेत्रों में किया गया है, जो 13 अप्रैल तक चलेगा। न्यूज 24 को मिली जानकारी के मुताबिक, इस युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों में दोनों सेनाओं के बीच समन्वय और संचालन क्षमता को बढ़ाना है। इस युद्धाभ्यास में म्यांमार के भूकंप पीड़ितों तक मदद कैसे पहुंचानी है, इस पर खास ध्यान दिया जाएगा। मालूम हो कि भारतीय सेना की सत्रुजीत ब्रिगेड अभी म्यांमार के भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए गई हुई है।
युद्धाभ्यास में ये होंगे शामिल
इस वार प्रैक्टिस में नौसेना के INS जलाश्व, INS घड़ियाल, INS मुंबई, और INS शक्ति शामिल हैं। इसके साथ ही एयरफोर्स के C-130 विमान, MI-17 हेलिकॉप्टर, और आर्मी के 91 इन्फैंट्री ब्रिगेड के जवान और स्पेशली रैपिड एक्शन मेडिकल टीम साथ रहेगी। वहीं, अमेरिकन टीम में USS कॉमस्टॉक, USS राल्फ जॉनसन जहाज, और अमेरिकी मरीन कॉर्प्स के सैनिक हिस्सा लेंगे।
यह भी पढ़ें: पंजाब में अरविंद केजरीवाल की नशे के खिलाफ पदयात्रा; गांवों में बन रहे खेल के मैदान
पहले हो चुके है युद्धाभ्यास
इससे पहले, साल 2019, 2021, और 2022 में भी यह अभ्यास आयोजित किया जा चुका है। भारतीय वायुसेना इसी हफ्ते यूनान में हो रहे मल्टीनेशनल एयर एक्सरसाइज 'इनियोकोस-25' में भाग ले रही है, जहां Su-30 MKI लड़ाकू विमानों को तैनात किया गया है। रक्षा मामलों के जानकार के मुताबिक, यह अभ्यास भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दुश्मन देश को अपनी ताकत दिखाने के लिए।