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Exclusive: गोवा के नाइट क्लब की जमीन लूथरा ब्रदर्स की नहीं, सिविल कोर्ट में असली मालिकों संग चल रहा केस

Goa nightclub fire case: उत्तरी गोवा के नाइटक्लब अग्निकांड केस में सनसनीखेज खुलासा हुआ है, लूथरा ब्रदर्स के जिस नाइट क्लब में हुए अग्निकांड में 25 लोगों की जान गई, वो जमीन खेती के लिए आवंटित की गई थी. न्यूज 24 के पास जमीन के असली दस्तावेजों की कॉपी है. नाइट क्लब खेती की जमीन पर बना हुआ था.

Goa nightclub fire case: गोवा के जिस अरपोरा नाइट क्लब में हुए अग्निकांड में 25 लोगों की मौत हुई, उसकी जमीन पर सनसनीखेज खुलासा हुआ है. वह क्लब खेती वाली जमीन पर बना हुआ है. न्यूज 24 के पास जमीन के असली दस्तावेजों की कॉपी है. जमीन के दस्तावेजों में uthra brothers का नाम नहीं है. यह जमीन बाल कृष्ण देव कर और कृष्णा देव कर के नाम पर है और सुरेंद्र खोसला की जमीन है जिन्होंने luthara brothers को क्लब बनाने के लिए दी. सिविल कोर्ट में दोनों देवकर भाई केस लड़ रहे हैं. उनका दावा है कि उनकी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर नाइट क्लब बनाया गया. साल्ट लैंड होने के कारण इस जमीन पर निर्माण संभव ही नहीं था.

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साल्ट लैंड पर क्लब कैसे बन गया?

क्लब के चारों तरफ पानी की पानी है. फिर यह नाइट क्लब वहां कैसे बन गया? किन सरकारी अधिकारियों ने मदद की. किसकी शह से आखिरकार बनाया गया क्लब, सबसे बड़ा सवाल यह है, जिसकी वज़ह से 25 लोगों की जान गई. अप्रैल में पंचायत ने क्लब को तोड़ने का नोटिस जारी किया था, लेकिन पंचायत डायरेक्टर सिद्धि हालांकर ने एक्शन नहीं लिया. पंचायत सेक्रेटरी अरपोरो नगोरा पंचायत के raghuvir bagkar ने भी एक्शन नहीं लिया. सरपंच ने नोटिस निकाला लेकिन सरकारी अफसरों ने नोटिस पर ध्यान ही नहीं दिया, फिर क्लब चलता रहा. पानी पर साल्ट, उसी साल्ट land पानी में कचड़ा, bathroom अन्य गंदगी क्लब की उसी में जाती थी.

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फुकेट में लूथरा भाई हिरासत में

बैंकॉक स्थित इंडियन एंबेसी सौरभ और गौरव लूथरा से जुड़े मामले में थाई अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है. एंबेसी के हस्तक्षेप के बाद थाई अधिकारियों ने phuket में इन दोनों को हिरासत में ले लिया है. थाई अधिकारी फिलहाल स्थानीय कानूनों के अनुसार कार्रवाई कर रहे हैं, जिसमें luthara brother's को भारत वापस भेजना भी शामिल है.

गिरफ्तारी के डर से अदालत पहुंचे सरपंच

गोवा के बर्च रोमियो क्लब के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए अरपोरा गांव के सरपंच रोशन रेडकर और रघुवीर बागकर अदालत पहुंचे हैं. दोनों को पहले ही गोवा सरकार ने पद से निलंबित कर दिया है. उत्तर गोवा अतिरिक्त सत्र न्यायालय से अंतरिम राहत मिली है. अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर अंजुना पुलिस को नोटिस जारी किया है. सुनवाई के दौरान दोनों ने दावा किया कि उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है और पूछताछ के दौरान किसी तरह की परेशानियों से बचने के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की है.

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