G 20 समिट के लिए तैयार हो रहा खास कल्चरल कॉरिडोर, जानिए इसकी खासियत
G 20 Summit Preparations
G 20 Summit Preparations : दिल्ली में 9 और 10 सितंबर के बीच आयोजित होने वाले जी 20 की शिखर सम्मेलन की तैयारी जोरों पर है। जी 20 सम्मेलन में दुनियाभर देशों के सबसे ताकतवर नेता और राजनयिक दिल्ली में मौजूद रहेंगे।
जानकारी के मुताबिक G 20 का ये अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होगा। इस सम्मेलन कुल 43 देश, संगठनों के प्रमुखों और उनके प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे। इसमें G 20 के 19 सदस्य देश और यूरोपीय यूनियन के प्रमुख नेता भी शामिल होंगे। इसके साथ ही इस सम्मेलन में 9 अन्य देशों के प्रमुख और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को भी अतिथि के रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
इस साल G 20 का थीम है भारतीय संस्कार और विचारधार के आधार पर 'वसुधैव कुटुम्बकम', यानी 'एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य' रखा गया है। इस शिखर सम्मेलन का मुख्य आयोजन प्रगति मैदान में होने जा रहा है। इसके लिए यहां एक नया बना मंडपन बनाया गया है।
मुख्य आयोजन स्थल 'भारत मंडपम' में एक कल्चरल कॉरिडोर भी बनाया जा रहा है जिसमें हर देश की सांस्कृतिक विरासत को समाहित किया जाएगा। 10 हजार वर्ग फुट के मंडपम में फैले इस मंडप के करीब 30 फीसीदी एरिया में ये कॉरिडोर बन रहा है।
इस कल्चरल कॉरिडोर में G 20 देशों के साथ-साथ 9 विशेष आमंत्रित देशों की सांस्कृतिक पहचान और महत्व की चीजों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें सांस्कृतिक विरासत और लोकतंत्र से जुड़ी चीजें को प्रदर्शित किया जाएगा।
G 20 समिट के आयोजन के बाद इस मंडपम को आम लोगों के लिए भी खेले जाने की योजना है ताकि लोगों को दूसरे देशों की सांस्कृतिक विरासत और वहां की पहचान से जुड़ी अहम चीजों की जानकारी एक जगह मिल सके।
भारत की ओर से इसें ऋग्वेद, अष्टध्यायी, वैदिक चांटिंग, योगा, कुंभ, हिमालय, गंगा, भीम बेटका की पेंटिंग, इंडियन ओसियन, रॉयल बंगाल टाइगर को अलग-अलग श्रेणियों में लगाया जाएगा।
वहीं अमेरिका का ग्रांड कैन्यन और चार्टर्स ऑफ फ्रीडम के अलावा डिजिटल फॉर्म में स्टेच्ययू ऑफ लिबर्टी, चीन का फोहुआ लिडेड जार, रूस का बोलशोई बैलेट, जापान का कसोड़े, ब्रिटेन की ओर से मैग्ना कार्टा, फ्रांस से मोनालिसा, ऑस्ट्रेलिया से ग्रेट बैरियर रीफ, इटली की तरफ से बेलवेद्रे अपोलो समेत अन्य सांस्कृतिक और विरासत के महत्व की चीजों को लगाया जाएगा।
इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया की ओर से वाकिंग थ्रू अ सॉन्ग लाइन, दक्षिण अफ्रीका का मिसेज प्लेस, यूएई का अब्राहमिक फैमिली हाउस, तुर्की का ट्रेडिशनल आर्चरी, कोरिया का वूमेन डाइवर्स समेत कई अन्य सांस्कृतिक पहचान और महत्व की चीजों को लगाया जाएगा।
इसके डिजिटली भी प्रदर्शित करने की योजना है। हर देश के डिजिटल वाली चीजों को 30 सेकेंड के लिए दिखाए जाने का प्लान है। इस दौरान देश का म्यूजिक भी चलेगा। ये तमाम डिस्प्ले और स्क्रीन सेमी सर्कुलर कल्चरल कॉरिडोर में लगा रहेगा। ये उस समय खास तौर पर प्रदर्शित किया जाएगा जिस समय वहां गुजरकर से अलग-अलग देशों के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधि मीटिंग हॉल में जाएंगे।
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