अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी आएंगे
बेशक वर्तमान में अमेरिका ही दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है। इसके मुखिया राष्ट्रपति जो बाइडेन भी जी-20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली आएंगे। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से लेकर होटल आइटीसी मौर्या तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।चीनी राष्ट्रपति भी होंगे शामिल
कथित तौर पर दुनिया के दूसरे शक्तिशाली देशों में शामिल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की उपस्थिति भी जी-20 सम्मेलन में होगी। बताया जा रहा है कि चीन-भारत के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। बावजूद इसके चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दिल्ली आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि वह पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अनौपचारिक बातचीत बाद दिल्ली आने के लिए तैयार हुए हैं। इससे पहले शी जिपिंग की आखिरी भारत यात्रा साल 2019 में तमिलनाडु के मामल्लपुरम में था।ऋषि सुनक भी बढ़ाएंगे मान
ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके साथ ही दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल भी पदभार संभालने के बाद भारत आकर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। तुर्किये के रेसेप तैयप एर्दोगन भी भारत आ रहे हैं।ये नेता भी जी-2-0 में होंगे शामिल
अल्बर्टो फर्नांडीज (राष्ट्रपति, अर्जेटिना) एंथनी अल्बनीस (राष्ट्रपति, आस्ट्रेलिया) लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा (राष्ट्रपति, ब्राजील) जस्टिन ट्रूडो (प्रधानमंत्री, कनाडा) इमैनुएल मैंक्रो (राष्ट्रपति, फ्रांस) ओलाफ स्कोल्ज (चांसलर, जर्मनी) जोको विडोडो (राष्ट्रपति, इंडोनेशिया) जियोर्जिया मेलोनी (प्रधानमंत्री, इटली) फुमियो किशिदा (पीएम, जापान) यून सुक येओल (राष्ट्रपति, दक्षिण कोरिया) मोहम्मद बिन सलमान (सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और पीएम) सिरिल रामफोसा (राष्ट्रपति, दक्षिण अफ्रीका) एर्दोगन (राष्ट्रपति, तुर्किये) ऋषि सुनक (पीएम, ब्रिटेन) चार्ल्स मिशेल (मुखिया, यूरोपियन काउंसिल के यूरोपीय काउंसिल) उर्सुला वॉन डेर लेयेन (अध्यक्ष, यूरोपियन यूनियन)पुतिन रहेंगे नदारद
यहां पर बता दें कि पिछले कई दशकों में यह पहला मौका है जब भारत में अमेरिका, चीन समेत कई शक्तिशाली देशों के राष्ट्राध्यक्षों का आगमन हो रहा है। इस बीच यह खबर भी है कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन जी-20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए नहीं आएंगे। कयास लगाए जा रहे है कि वे पश्चिमी नेताओं का सामना करना नहीं चाहते हैं। पुतिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोफ पहले ही कह चुके हैं कि पुतिन दिल्ली में होने जा रहे जी-20 सम्मेलन में जाने की योजना नहीं बना रहे हैं। अभी यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान ही सबसे अहम है।---विज्ञापन---