Farmers Protest 2.0: किसान आंदोलन क्या राजनीति से प्रेरित है? या सच में किसानों को शिकायत है
Farmers Protest 2.0: क्या राजनीति से प्रेरित है किसानों का आंदोलन?
Farmers Protest 2.0 Kisan Andolan Delhi Chalo March: केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की ओर आने लगे हैं। किसान संगठनों ने 13 फरवरी यानी आज 'दिल्ली चलो' का ऐलान किया है। इसे देखते हुए दिल्ली में 12 मार्च तक धारा 144 लागू कर दिया गया है। किसान न्यूनतम तापमान (MSP) पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। उनका यह विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहा है, जब कुछ ही महीने बाद लोकसभा चुनाव होना है। बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होना चाहती है।
क्या विरोध प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित है?
केंद्र सरकार ने पिछले दिनों किसानों को खुश करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और हरित क्रांति के जनक डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया। चरण सिंह को किसानों के हितों की वकालत करने के लिए जाना जाता है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या किसानों का विरोध प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित है या शिकायतें वास्तविक हैं।
किसान नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए तीन मंत्री तैनात
दरअसल, केंद्र सरकार ने किसान नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए तीन मंत्रियों को तैनात किया है, जिसके बाद 12 फरवरी को पंजाब में तीन केंद्रीय मंत्रियों ने किसान नेताओं के साथ बातचीत की, लेकिन यह बैठक बेनतीज रही, जिसके बाद किसान संगठनों ने 'दिल्ली चलो' का ऐलान कर दिया। किसान नेताओं ने आरोप लगाया था कि सरकार के मन में खोट है।
सड़क मार्गों को पुलिस ने किया ब्लॉक
किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए, टिकरी, सिंघू और गाजीपुर सहित दिल्ली की सीमाओं पर अर्धसैनिक बलों के साथ पुलिस को तैनात किया गया है। दिल्ली आने वाले सड़क मार्गों पर सीमेंट ब्लॉक और कीलें लगाई गई हैं।
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केंद्र सरकार से क्या मांग कर रहे किसान?
किसान मांग कर रहे हैं कि सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए। फसल की कीमत डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से तय की जाए। किसानों की यह भी मांग है कि किसान और खेत-मजदूरों का कर्जा माफ हो। उन्हें पेंशन दी जाए। इसके साथ ही, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को दोबारा लागू किया जाए।
लखीमपुर खीरी कांड में मृतक किसानों के सदस्यों को मिले मुआवजा
किसानों ने मांग की है कि लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने वाले दोषियों को सजा दी जाए। इसके अलावा, मुक्त व्यापार समझौते पर रोक लगाई जाए। किसानों की मांग है कि आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हो गई, उनके परिवार को मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी मिले।
मनरेगा में हर साल 200 दिन काम करने की मांग
किसानों की मांग है कि मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये दिहाड़ी मजदूरी दी जाए। नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए। इसके साथ ही, विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द कर दिया जाए और मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए। किसानों ने संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद करने की भी मांग की है।
दिल्ली बॉर्डर पर तैनात 5000 से अधिक सुरक्षाकर्मी
किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए बड़े कंटेनर भी बॉर्डर पर रखे गए हैं। वहीं, बॉर्डर पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों सहित 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
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