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₹20 में LPG और ₹15 में एक लीटर पेट्रोल? अफवाह फैलाने वाले यूट्यूब चैनल पर कार्रवाई

Fake YouTube Channels Ban: केंद्र सरकार ने एकबार फिर फर्जी खबरें न्यूज चलाने और फैलाने वाले यूट्यूब चैनलों पर शिकंजा कसा है। सरकार ने फेक न्यूज चलाने वाले 8 यू्ट्यूब चैनलों को बंद कर दिया है। इन यूट्यूब चैनलों पर भारतीय सेना, सरकारी योजनाओं, लोकसभा चुनावों और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गलत और भ्रांतिपूर्ण जानकारी […]

Fake YouTube Channels Ban
Fake YouTube Channels Ban: केंद्र सरकार ने एकबार फिर फर्जी खबरें न्यूज चलाने और फैलाने वाले यूट्यूब चैनलों पर शिकंजा कसा है। सरकार ने फेक न्यूज चलाने वाले 8 यू्ट्यूब चैनलों को बंद कर दिया है। इन यूट्यूब चैनलों पर भारतीय सेना, सरकारी योजनाओं, लोकसभा चुनावों और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गलत और भ्रांतिपूर्ण जानकारी प्रसारित करने का आरोप था। जिन यू्ट्यूब चैनलों को बंद (Fake YouTube Channels Ban) किया गया है उनमें 'यहां सच देखो', 'वर्ल्ड बेस्ट न्यूज' 'कैपिटल टीवी', 'एसपीएन9 न्यूज', 'केपीएस न्यूज', 'अर्न टेक इंडिया', 'एजुकेशनल दोस्त' और 'सरकार व्लॉग' शामिल है। अधिकारिकों का कहना है कि प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने इन चैनलों के द्वारा प्रसारित फेक न्यूज़ की सत्यता की जांच के बाद ये कार्रवाई की है। इन चैनलों पर सरकारी योजनाओं के बारे में गलत जानकारी देने और कुछ पर सेना से जुड़ी गलत जानकारी प्रसारित करने का आरोप है।

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सरकार ने इन यू्ट्यूब चैनलों को किया बंद (Fake YouTube Channels Ban)

  • 'एसपीएन9' न्यूज नामक चैनल में 48 लाख सब्सक्राइबर्स और 189 करोड़ व्यूज़ थे, जो फेक न्यूज़ को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कई केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ प्रसारित करता था।
  • 'कैपिटल टीवी' नामक चैनल में 35 लाख सब्सक्राइबर्स और 160 करोड़ व्यूज़ थे, जो पीएम मोदी, सरकार और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की घोषणाओं से जुड़ी फेक न्यूज़ प्रसारित करता था।
  • 'यहां सच देखो' नामक चैनल में 30 लाख सब्सक्राइबर्स और 10 करोड़ से अधिक व्यूज़ थे, जो इलेक्शन कमीशन और भारतीय न्यायाधीश के बारे में झूठी जानकारी प्रसारित करता था।
  • 'वर्ल्ड बेस्ट न्यूज' नामक चैनल में 17 लाख सब्सक्राइबर्स और 18 करोड़ से अधिक व्यूज़ थे, जो भारतीय सेना को प्रतिष्ठित करने का काम करता था।
  • 'सरकारी व्लॉग' नामक चैनल में 45 लाख सब्सक्राइबर्स और 9.4 करोड़ व्यूज़ थे, जो सरकारी योजनाओं के बारे में फेक न्यूज़ प्रसारित करता था।
  • 'एजुकेशनल दोस्त' नामक चैनल में 34.3 लाख सब्सक्राइबर्स और 23 करोड़ व्यूज़ थे, जो सरकारी योजनाओं के बारे में गलत जानकारी प्रसारित करता था।
  • 'केपीएस न्यूज' नामक चैनल में 10 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स और 13 करोड़ से अधिक व्यूज़ थे, जो सरकारी योजनाओं और आदेशों के बारे में गलत जानकारी प्रसारित करता था। उदाहरणस्वरूप, गैस सिलिंडर 20 रुपए में उपलब्ध है और पेट्रोल 15 रुपए प्रति लीटर हो गया है।
  • 'अर्न इंडिया टेक' नामक चैनल में 31 हजार सब्सक्राइबर्स और 36 लाख व्यूज़ थे, जो आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेजों से जुड़ी फेक न्यूज़ प्रसारित करता था।
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