प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मुंबई जोनल टीम ने 11 दिसंबर को देशभर में एक बड़े ऑपरेशन के तहत 40 जगहों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई. छापे मुंबई के पदघा-बोरीवली इलाके, दिल्ली, कोलकाता, हजारीबाग, प्रयागराज, दमण और रत्नागिरी में मारे गए. यह छापेमारी साकिब नाचन और उसके साथियों से जुड़े आईएसआईएस-लिंक्ड मॉड्यूल की जांच के सिलसिले में की गई थी.
करोड़ों का सोना-जेवरात बरामद
ईडी की कार्रवाई में करीब 9.70 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई, जिसमें 3.70 करोड़ रुपये नकद और करीब 6 करोड़ रुपये का सोना-जेवरात और बुलियन शामिल है. इसके अलावा, 25 बैंक खातों को फ्रीज़ कर दिया गया है. छापों में कट्टरपंथी साहित्य, संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी बरामद हुए हैं. ईडी की जांच NIA द्वारा दर्ज एफआईआर और चार्जशीट के आधार पर शुरू की गई थी. एनआईए की जांच में सामने आया था कि यह ग्रुप आईएसआईएस विचारधारा से प्रभावित था और इसमें भर्ती, हथियार जुटाने, ट्रेनिंग देने और फंडिंग जैसी गतिविधियाँ शामिल थीं.
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आतंकी गतिविधियों में हो रहा था पैसों का इस्तेमाल
ईडी को मुंबई एटीएस से मिले इनपुट्स में यह भी पाया गया कि इस मॉड्यूल से जुड़े लोग गैरकानूनी तौर पर खैर (कैठ) लकड़ी की कटाई, तस्करी और बिक्री के जरिए पैसा कमा रहे थे, जिसे आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जा रहा था. ईडी की फाइनेंशियल एनालिसिस में सामने आया कि कई संदिग्धों के बैंक खातों से सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से मुख्य आरोपियों के खातों में लेन-देन हुए हैं. इसी वजह से एजेंसी ने आरोपियों, उनके रिश्तेदारों और करीबी लोगों के ठिकानों पर तलाशी ली.
हवाला नेटवर्क से जुड़े दस्तावेज भी मिले
छापेमारी के दौरान हवाला नेटवर्क से जुड़े दस्तावेज और सबूत भी मिले हैं. इसके अलावा, ईडी को कई कंपनियों के कागज मिले जो कत्था बनाने का काम करती हैं और गैरकानूनी तरीके से काटी गई खैर लकड़ी इन्हीं आरोपियों से खरीद रही थीं. मौके पर खैर की लकड़ियां भी बरामद की गईं, जिनके बारे में ईडी ने वन विभाग को सूचित कर आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
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