कर्नाटक में राजनीतिक सकंट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके के बीच सीएम पद को लेकर विवाद बना हुआ है। ये मामला दिल्ली में हाईकमान तक पहुंच गया है। हाईकमान ने दोनों को मिलने के लिए 29 नवंबर को दिल्ली बुलाया था। इससे पहले सीएम सिद्धारमैया ने डिप्टी सीएम डीके शिव कुमार को नाश्ता पर बुलाया। चर्चा थी कि इस ब्रेक फॉस्ट मीटिंग में दोनों नेता अपने विवाद सुलझा लेंगे।
हालांकि दोनों नेता पहले ही आलाकमान की बात मानने की बात कह चुके हैं। सीएम सिद्धारमैया ने गत शुक्रवार को कहा था कि आलाकमान ने हम दोनों को बुलाया है, इसलिए मैंने उन्हें (डीके शिवकुमार) नाश्ते पर बुलाया है, और हम वहीं बात करेंगे। जैसा कि मैंने पहले कहा था, आलाकमान जो भी कहेगा, मैं उसे मानूंगा। मेरे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। इसके अलावा डीके शिवकुमार ने भी कहा है कि आलाकमान जो भी कहेगा, हम उसका पालन करेंगे। शिवकुमार ने कांग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा दोहराई है और कहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में नेतृत्व के संबंध में कोई भी निर्णय पार्टी आलाकमान ही लेगा।
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उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के साथ नाश्ते पर बैठक के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा और जेडीएस को झूठे आरोप लगाने की आदत है। भाजपा और जेडीएस ने बयान दिया है कि वे अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। उनके पास केवल 60 विधायक हैं और जेडीएस के पास 18 विधायक हैं। वे हमारी संख्या का मुकाबला नहीं कर सकते। हमारे पास 140 विधायक हैं। यह एक निरर्थक कवायद है। हम उनके झूठे आरोपों का सामना करेंगे।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि हमने फैसला किया है कि हम आलाकमान की हर बात मानेंगे। कल से कोई भ्रम नहीं रहेगा। अभी भी कोई भ्रम नहीं है। कुछ मीडिया रिपोर्टरों ने भ्रम पैदा किया है। कहा कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं हैं और भविष्य में भी कोई मतभेद नहीं होंगे।
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