Delhi Election Results 2025: अरविंद केजरीवाल दिल्ली हार गए हैं। उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) सत्ता से बाहर हो गई है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि केजरीवाल अपनी सीट भी नहीं बचा पाए हैं। दिल्ली में चौथी बार सरकार बनाने का दावा करने वाले केजरीवाल को नई दिल्ली विधानसभा सीट पर बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने शिकस्त दी है। यहां से अरविंद केजरीवाल के सामने चुनौतियों का नया दौर शुरू होने वाला है।
पंजाब को बचाए रखना
अरविंद केजरीवाल की सबसे बड़ी चुनौती होगी पंजाब को बचाकर रखना। दिल्ली में मिली करारी हार के असर से पंजाब भी अछूता नहीं रहेगा। पंजाब में पहले से ही सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, ऐसे में दिल्ली की हार वहां के नेताओं के मनोबल को भी प्रभावित कर सकती है। पार्टी के तौर पर AAP की कमजोरी से जोड़-तोड़ की राजनीति को बल मिल सकता है।
अपनों को जोड़े रखना
दिल्ली में अब आप आदमी पार्टी की सरकार नहीं है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल के लिए दूसरी सबसे बड़ी चुनौती होगी अपने विधायकों को बचाए रखना। कमजोर का साथ छोड़कर बलवान का हाथ थामने की राजनीति में पुरानी परंपरा है। मध्य प्रदेश में इसके कई उदाहरण मिले हैं। अगर यही परंपरा दिल्ली में चली तो AAP और भी ज्यादा कमजोर हो जाएगी।
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लीडरशिप क्राइसिस
अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के मुखिया हैं और पूरी पार्टी उन्हें इस रूप में स्वीकारती आई है, लेकिन अब इस दृष्टिकोण में बदलाव देखने को मिल सकता है। केजरीवाल अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे हैं। जबकि आतिशी जीत गई हैं। ऐसे में बड़ा कौन? जैसी प्रतियोगिता पार्टी में शुरू हो सकती है।
कानूनी लड़ाई
केजरीवाल अब न तो दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और न ही उनकी सरकार है। ऐसे में अब उन्हें तमाम तरह की कानूनी चुनौतियों का भी सामना करना होगा। उन्हें कोर्ट और ED के चक्कर लगाने होंगे। दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले में वह जमानत पर बाहर हैं।
अस्तित्व की चुनौती
केजरीवाल के सामने अब पार्टी का अस्तित्व बचाए रखने की भी चुनौती होगी। AAP दिल्ली के अलावा केवल पंजाब की सत्ता में है। दिल्ली में हार के बाद पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के केजरीवाल के अभियान पर असर पड़ना लाजमी है। विपक्षी दलों के बीच अपने कद को बरकरार रखना भी उनके लिए मुश्किल हो जाएगा।