TrendingInd Vs AusIPL 2025UP Bypoll 2024Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024

---विज्ञापन---

कभी राज करने वाली कांग्रेस को छोटे-छोटे दल दे रहे घाव! क्या सबसे बुरे दौर से गुजर रही पार्टी?

Congress Political Crisis: कांग्रेस के सामने लोकसभा चुनाव की चुनौती है। भाजपा लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने की तैयारी में जुटी हुई है। कांग्रेस ने भाजपा को हराने के लिए इंडिया गठबंधन बनाया है लेकिन इसमें सीट बंटवारे को लेकर साथी दलों के साथ बातचीत कुछ खास बनती नहीं दिख रही है। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस इस समय अपने सबसे खराब दौर का सामना कर रही है।

संकट में है कांग्रेस
दिनेश पाठक, वरिष्ठ पत्रकार Congress Political Crisis : अपने 139 साल के काल में सबसे बुरे दौर से गुजर रही है कांग्रेस पार्टी। छोटे-छोटे दल भी उसे भाव नहीं दे रहे हैं। जिस उत्तर प्रदेश से नेहरू, शास्त्री, इंदिरा, राजीव जीतकर पीएम बनते रहे, जहां देश की सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटें हैं, वहां कांग्रेस सिर्फ 17 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। कितनी जीतेगी, यह भविष्य में पता चलेगा क्योंकि राज्य में कांग्रेस अब कार्यकर्ताओं के लिए संघर्ष कर रही है, जो भी सीटें उसके खाते में आएगी, वह कैंडिडेट के बूते ही आएगी। क्योंकि राज्य में कांग्रेस का ढांचा ढह सा गया है। लंबे समय से सत्ता से दूर कांग्रेस के पास कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़ने का कोई ऐसा तरीका भी नहीं है, जो लाभकारी साबित हो सके। अभी तक तय नहीं है कि गांधी परिवार का कोई सदस्य उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ रहा है या नहीं? रायबरेली की परंपरागत सीट से चुनाव जीतने वाली कांग्रेस की सर्वेसर्वा सोनिया गांधी राज्यसभा की सदस्य बन चुकी हैं। वह रायबरेली की जनता के नाम पत्र लिखकर चुनाव लड़ने में असमर्थता भी जता चुकी हैं। ऐसे में संशय है कि क्या गांधी परिवार का कोई सदस्य राहुल, प्रियंका उत्तर प्रदेश से चुनाव मैदान में उतरेंगे या नहीं? यदि हाँ तो कौन और किस सीट से? यह देखा जाना अभी बाकी है।

स्‍थानीय दल तय कर रहे कांग्रेस की सीटें

अनेक राज्यों में उसका यही हाल है, स्थानीय राजनीतिक दल कांग्रेस के लिए सीटें तय कर रहे हैं। आम चुनावों में प्रदर्शन के मामले में यह दल 10 साल पहले यानी 2014 में सबसे खराब दूर से गुजर चुकी है, जब उसे सिर्फ 44 सीटों से संतोष करना पड़ा था। यह वही दल है जिसने 40 साल पहले 400 सीटों का आंकड़ा पार कर अपना सर्वोच्च प्रदर्शन किया था। देश फिर आम चुनाव के दरवाजे पर खड़ा है। इस दल के नेता राहुल गांधी देश भर में घूम रहे हैं। लोगों से मिल रहे हैं। जहां कहीं से गुजरना हो रहा है, भीड़ देखकर पार्टी खुश हैं लेकिन यह वोट में कब परिवर्तित होगा, किसी को नहीं पता। अब जब साल 1984 के चुनावों में दो सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी 2024 में अबकी बार 400 पार का नारा देकर 40 साल बाद कांग्रेस के रिकॉर्ड को तोड़ने को प्रतिबद्ध दिखाई दे रही है। वहीं छह बार पूर्ण बहुमत एवं चार बार गठबंधन का नेतृत्व करने और सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस पार्टी देश के अनेक राज्यों में एक-एक सीट के लिए मारा-मारी कर रही है। गठबंधन के दल उसके लिए सीटें तय कर रहे हैं। कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में जरूर सीटों को लेकर कांग्रेस के सामने किसी तरह की मारामारी नहीं है क्योंकि तीन राज्यों में उसकी सरकार है और बाकी में बहुत प्रभाव वाले राजनीतिक दल गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं।

बस महाराष्‍ट्र में म‍िला साथ

दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन में तो है, लेकिन उसने भी पहले कांग्रेस को सीटें देने से इनकार कर दिया। अब उसने कुछ सीटों पर विचार करने का वादा किया है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भी अपने राज्य में कांग्रेस को सीट देने पर तस्वीर साफ नहीं की है जबकि वह भी विपक्ष के गठबंधन का हिस्सा है। बिहार-झारखंड में गठबंधन के सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल और झारखंड मुक्ति मोर्चा से हालांकि सीटों को लेकर कांग्रेस का कोई विवाद सामने नहीं आया है लेकिन इन दोनों राज्यों में भी कांग्रेस को बहुत सीटें नहीं मिलने वाली हैं। तमिलनाडु में डीएमके निर्णायक भूमिका में है तो महाराष्ट्र में दो महत्वपूर्ण हिस्सेदार दल कांग्रेस के साथ हैं। दोनों भाजपा से चोट खाए हुए हैं, इसलिए एकजुट हैं। महाराष्ट्र एक मात्र ऐसा राज्य है जहां गठबंधन के सभी हिस्सेदार उद्धव ठाकरे, शरद पवार अलग-अलग कारणों से बिना किसी भेदभाव के जीतने को चुनाव लड़ रहे हैं और सीटों का बंटवारा उसी हिसाब से किया है।

कांग्रेस का भव‍िष्‍य तय होगा

यूपी में 17 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही कांग्रेस के नेता जब अपनी यात्रा के माध्यम से उत्तर प्रदेश पहुंचे तो इस राज्य में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश उनके साथ नहीं थे। इसे लेकर सवाल उठने के दो-तीन दिन बाद ही सीटों की स्थिति स्पष्ट हुई। अब देखना रोचक होगा कि जर्जर हो चुकी कांग्रेस 2024 के आम चुनाव में खुद कितनी सीटें जीत पा रही है? इंडिया गठबंधन को कितनी सीटें मिलती हैं, यह भी महत्वपूर्ण होगा। विपक्षी गठबंधन देश में नरेंद्र मोदी के अबकी बार चार सौ पार के नारे का जवाब किस एकजुटता से देता है? यह सारी चीजें कांग्रेस के भविष्य को तय करेंगी क्योंकि आज भी अकेला यही दल है जो देश भर में मौजूद है। चुनाव लड़ता आ रहा है। विपक्ष में कोई भी दल ऐसा नहीं, जो राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस से बेहतर हो। ये भी पढ़ें: लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य का नीतीश कुमार पर तीखा हमला ये भी पढ़ें: तेजस्वी यादव व RJD के खिलाफ एक्शन मोड में आई नीतीश सरकार ये भी पढ़ें: डिप्टी सीएम का पद गया, सरकार भी गई… अब तेजस्वी का क्या होगा?


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.