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Chhattisgarh Election Result 2023: अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे CM भूपेश बघेल, कब-कब मिली है उन्हें हार और जीत?

Chhattisgarh vidhan sabha chunav result 2023: भूपेश बघेल ने भारतीय युवा कांग्रेस के सदस्य के रूप में अपनी राजनीति शुरू की थी। 1993 में वे पाटन सीट से पहली बार विधायक बने।

Chhattisgarh Assembly Election Result 2023: छत्तीसगढ़ में सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती जारी है। रुझानों में बीजेपी कांग्रेस से आगे चल रही है और बहुमत हासिल करने के करीब है। राज्य में हुए बड़े उलटफेर के बाद बघेल पाटन सीट बचाने में कामयाब रहे। बघेल को इस सीट पर जीत मिली है। ववे दुर्ग जिले की पाटन विधान सभा क्षेत्र से उम्मीदवार थे। बघेल को 94,847 वोट मिले, जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे बीजेपी प्रत्याशी और दुर्ग से सांसद विजय बघेल को 75,304 वोट मिले। बघेल को 19 हजार 543 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। भूपेश बघेल 2004 और 2009 में लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वे दोनों बार दुर्ग लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे।भूपेश बघेल की उम्र 62 साल है। उनका जन्म 23 अग्सत 1961 को पाटन में हुआ था। वे एक किसान परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता का नाम नंद कुमार बघेल था और माता का नाम बिंदेश्वरी बघेल था। भूपेश बघेल का एक बेटा और तीन बेटियां हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में बहुत लोकप्रिय माने जा रहे थे। इस समय वे दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा सीटे से विधायक हैं। 1985 में उन्होंने भारतीय युवा कांग्रेस के सदस्य के रूप में अपनी राजनीति शुरू की थी। 1993 में वे पाटन सीट से पहली बार विधायक बने। उन्होंने तब बहुजन समाज पार्टी के केजूराम वर्मा को करीब 3400 वोटों से हराया था। ये भी पढ़ें-Election Result 2023: अब 12 राज्यों में होगी BJP की सरकार, कांग्रेस 3 तक सिमटी दिग्विजय सरकार में बने मंत्री 1998 में भी वे इसी सीट से विधायक चुने गए। 1998 में उन्होंने बीजेपी की निपूपमा चंद्राकर को हराया। इस जीत के बाद पार्टी में उनका महत्व काफी बढ़ गया था। तब छत्तीसगढ़ अलग राज्य नहीं बना था और यह मध्य प्रदेश के साथ ही था। वे दिग्विजय सिंह की राज्य सरकार में जन सरोकार विभाग के राज्य मंत्री बनाए गये और बाद में उन्हें परिवहन मंत्री का पद भी दिया गया। 2003 के विधानसभा चुनावों में भी उनको एक बार फिर पाटन से जीत मिली। लेकिन इसबार कांग्रेस पार्टी चुनाव हार गई। इस वजह से उन्हें छत्‍तीसगढ़ विधानसभा का उप विपक्षी नेता बनाया गया। 2018 के चुनाव में उन्हें पाटन सीट से भारी मतों के अंतर से जीत मिली थी। तब उन्होंने बीजेपी के मोतीलाल साहू को 27,477 वोटों से हराया और राज्य के मुख्यमंत्री बने। दो बार लोकसभा चुनाव हारे बघेल 2004 और 2009 में लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वे दोनों बार दुर्ग लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे। 2008 में वे पाटन सीट से विधानसभा का चुनाव हार गए, लेकिन 2013 में फिर से इस सीट को जीत गए। 2014 में वे छत्तीसगढ़ के कांग्रेस अध्यक्ष बने। ये भी पढ़ें-Chhattisgarh Assembly Election Result 2023: जीतते-जीतते हार गए टीएस सिंह देव, कभी थे सबसे अमीर उम्मीदवार


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