Chennai Train Accident: देश में कई ट्रेन हादसों की खबरें सामने आती हैं। हर हादसे की वजह अलग होती है। बीती रात को मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकराई, जिसकी वजह से ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। इसके पीछे की वजह लूप लाइन को बताया गया। जिस मालगाड़ी से ट्रेन टकराई वह कावराईपेट्टई रेलवे स्टेशन पर खड़ी थी। अब सवाल ये उठता है कि आखिर एक्सप्रेस मालगाड़ी के ट्रैक पर कैसे पहुंच गई?
कैसे हुई टक्कर?
दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आरएन सिंह ने बताया ट्रेन को कावरैपेट्टई में नहीं रुकना था और उसे स्टेशन से होकर गुजरना था। चेन्नई से निकलने के बाद, मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस के लिए सिग्नल का ड्राइवर ने सही तरीके से पालन किया। हालांकि, मुख्य लाइन पर जाने के बजाय, ट्रेन गलती से लूप लाइन पर चली गई। इस वजह से ट्रेन की टक्कर मालगाड़ी से हो गई। हालांकि उन्होंने कहा ये एक जांच का विषय हैं।
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एक दूसरे अधिकारी ने बताया, कावरपेट्टई स्टेशन में पहुंचते ही ट्रेन चालक दल को जोरदार झटका लगा। ट्रेन दिए गए सिग्नल के अनुसार मुख्य लाइन में जाने के बजायलूप लाइन में चली गई। इसने लूप लाइन पर खड़ी एक मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी। उस वक्त ट्रेन की रफ्तार 75 किमी प्रति घंटा थी।
क्या होती है लूप लाइन?
रेलवे में लूप लाइन वह लाइन होती है जिसका इस्तेमाल ट्रेनों को खड़ा करने या ट्रैक बदलने के लिए करते हैं। साधारण भाषा में इसे ऐसे समझा जा सकता है, जब एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें आमने-सामेन आए जाएं तो एक ट्रेन को निकालने के लिए लूप लाइन होती है। इस लाइन पर एक ट्रेन जाती ताकि दूसरी ट्रेन आगे निकल सके। वहीं, जब ट्रेन स्टेशन पर रुककर ट्रैक बदलकर प्लेटफॉर्म पर आती है तो इसमें भी लूप लाइन का इस्तेमाल किया जाता है। लूप लाइन की लंबाई की बात करें तो ये आमतौर पर 750 मीटर की होती हैं।
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