‘वेदों में है साइंस का रहस्य, यूरोप के वैज्ञानिकों ने की नकल…’, क्या ISRO चीफ Somnath ने किया ये दावा, जानें सच्चाई
Isro Chief S. Somanath
Chandrayaan-3 ISRO Chief S Somnath On Science And Vedas: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ का नाम पूरी दुनिया में गूंज रहा है। इस बीच उनके वेद और विज्ञान से जुड़े दावों की एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल है। खबर मई की है। जिसमें इसरो चीफ ने दावा किया है कि विज्ञान के सिद्धांत वेदों से आए हैं। अलजेब्रा से लेकर यूनिवर्स तक में यूरोप के वैज्ञानिकों ने नकल की है।
एस सोमनाथ उज्जैन में महर्षि पाणिनि संस्कृत और वैदिक यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते ये दावे किए थे।
पढ़ें इसरो चीफ की तीन बड़ी बातें-
- भारत के वैज्ञानिक संस्कृत भाषा का इस्तेमाल करते थे। इसकी कोई लिखित लिपि नहीं थी। लोग सुनते थे और याद कर लिया जाता था। बाद में लोगों ने संस्कृत के लिए देवनागरी लिपि का इस्तेमाल शुरू हुआ।
- इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को संस्कृत बेहद पसंद है। क्योंकि यह कंप्यूटर की भाषा को सूट करती है। संस्कृत में लिए गए भारतीय साहित्य काफी समृद्ध हैं।
- संस्कृत में वैज्ञानिकों के योगदान को भारतीय संस्कृति की हजारों साल की यात्रा से समझा जा सकता है। संस्कृत में वैज्ञानिकों के योगदान की छाप हजारों सालों की भारतीय संस्कृति की यात्रा में देखी जा सकती है।
एस सोमनाथ संस्कृत फिल्म में किया था अभिनय
इसरो चीफ एस सोमनाथ की निगरानी में चंद्रयान-3 ने चंद्रमा पर लैंडिंग की है। पृथ्वी से लॉन्चिंग और चंद्रमा पर लैंडर की लैंडिंग का पूरा ऑपरेशन इनके की कमांड पर था। वे केरल के रहने वाले हैं। 1963 में अलापुझा जिले में जन्म हुआ था। उन्हें संस्कृत का अच्छा ज्ञान है। उन्होंने संस्कृत फिल्म यानम में अभिनय भी किया है। उनका पूरा नाम श्रीधर पार्रिकर सोमनाथ है। उनके नाम का मतलब चंद्रमा का भगवान है।
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