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Budget 2024: कैसे बदला है बजट पेश करने का तरीका? ब्रीफकेस और बही खाते से टैबलेट तक का सफर

Budget Presentation in Parliament Changed: पहले बजट 28 फरवरी को पेश किया जाता था लेकिन साल 2017 में इस परंपरा को बदल दिया गया। अब बजट एक फरवरी को पेश किया जाता है। आजादी के बाद से बजट पेश करने में कई बदलाव आए हैं।

बजट 2024-25 (फाइल तस्वीर)
Budget 2024-25 Parliament session Finance Minister Nirmala Sitharaman will present: एक फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संसद में देश का बजट पेश करेंगी। बजट से होने वाले फायदे और हर तबके के लिए इसमें पैसे के इंतजाम को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हर सेक्टर इससे उम्मीदें लगाए बैठा है। बजट किसानों से लेकर उद्योग जगत समेत हर तबके के लोगों को प्रभावित करता है। 2024-25 का आम बजट आने वाले लोकसभा चुनाव को ध्याम में रखकर बनाए जाने की उम्मीद है। लेकिन क्या आपको बता है कि पहले और अब पेश किए जाने वाले बजट में क्या-क्या अंतर है। पिछले कुछ सालों में बजट पेश करने के तरीके में कैसे बदलाव आया है। एक समय था जब बजट को ब्रीफकेस में ले जाया जाता था। लेकिन 2019 के बाद यह पेपरलेस हो गया। अब बजट पेश करने के लिए टैबलेट ले जाया जाता है। अब बजट पूरी तरह से पेपरलेस हो गया है। लेकिन इसका सफर बहुत दिलचस्प है। आजादी के बाद भारत का पहला बजट भारत के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम पेश किया था। तब बजट को चमड़े के बैग में ले जाया जाता था। इसके बाद इसे ब्रीफकेस में ले जाया जाने लगा। 1970 के दशक में वित्त मंत्रियों ने एक हार्डबाउंड बैग ले जाना शुरू कर दिया था। रहा। ये भी पढ़ें-US Elections: क्या डोनाल्ड ट्रंप फिर बन सकते हैं अमेरिका के राष्ट्रपति? मिल रहे ऐसे संकेत ब्रीफकेस और बही खाते से टैबलेट वहीं वित्त मंत्री सीतारमण 2019 में जब अपना पहला बजट पेश किया तब सभी का ध्यान इस तरफ गया। इसकी वजह यह थी की अपने पहले बजट में उन्होंने ब्रीफकेस का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि उसकी जगह लाल रंग का 'बही खाता' लेकर आईं। इसके बाद से ब्रीफकेस का इस्तेमाल बंद हो गया। इसकी वजह लोकल चीजों का इस्तेमाल और इसे ले जाने में आसानी बताई गई। वहीं इसके बाद अब बजट पेश करने के लिए टैबलेट का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी वजह डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना और इसे कैरी करने में आसानी है। ये भी पढ़ें-प्लेन के खुल गए नट-बोल्ट, पैसेंजर की सूझबूझ से बच गई 100 से ज्यादा लोगों की जान


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