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Lok Sabha Security Breach Incident को लेकर कांग्रेस पर जमकर बरसे निशिकांत दुबे, याद दिलाया संसद का पुराना इतिहास

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संसद सुरक्षा उल्लंघन को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मामले का राजनीतिकरण कर रही है।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर बोला हमला
Parliament Security Breach Incident: भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने रविवार को संसद सुरक्षा उल्लंघन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जवाब मांगने को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी 13 दिसंबर को लोकसभा में हुई घटना का राजनीतिकरण कर रही है। 'संसद की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय और स्पीकर का मामला' निशिकांत दुबे ने कहा कि 1952 से लेकर अब तक संसद में इस तरह की हुई यह 27वीं घटना थी। संसद की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय और लोकसभा स्पीकर का मामला है। उन्होंने कहा कि अगर झारखंड में लॉ एंड ऑर्डर का कोई मुद्दा उठता है तो इसकी जिम्मेदारी राज्य के मुख्यमंत्री की होगी। 'पीएम मोदी और अमित शाह से इस्तीफे की मांग करना गलत' भाजपा सांसद ने कहा कि आज मैं झारखंड में खड़ा हूं और मुझे कुछ हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? पीएम मोदी या अमित शाह नहीं, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन इसके जिम्मेदार होंगे। इसलिए पीएम मोदी और अमित शाह से इस्तीफे की मांग करना गलत है। 13 दिसंबर से पहले भी संसद में हुई कई घटनाएं निशिकांत दुबे ने कहा कि 13 दिसंबर से पहले भी संसद में कई घटनाएं हो चुकी हैं। इससे पहले 1947 में एक व्यक्ति ने नारे लगाते हुए पिस्तौल के साथ स्पीकर के चैंबर में जबरन घुसने का प्रयास किया था। इसके अलावा, 1991 और 1994 में पुष्पेंद्र चौहान ने कूदकर नरसिम्हा राव का हाथ पकड़ लिया। तब इस पर कोई बहस नहीं हुई थी। बीजेपी कभी भी गंभीर मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करती। इसके बावजूद विपक्ष गृह मंत्री से जवाब देने की मांग कर रहा है। यह भी पढ़ें: ‘यह PM Modi का भारत है, जहां सफाईकर्मियों की पूजा की जाती है’; दयानिधि मारन के बयान पर BJP का पलटवार भाजपा सांसद ने आगे कहा कि 10 जनवरी 1991 को बद्री प्रसाद और 11 जनवरी को 1991 को पुष्पेंद्र चौहान दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए और स्पीकर की कुर्सी तक पहुंच गए। तब किसी ने भी स्पीकर से सवाल नहीं किया और न ही इस्तीफा देने की मांग नहीं की। 'प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का संसद से कोई लेना-देना नहीं' दुबे ने कहा कि 9 जनवरी 1991 को उमेश चौधरी लोकसभा में कूद गए थे, लेकिन इसके बाद भी कार्यवाही जारी रही। किसी ने भी स्पीकर से सवाल नहीं किया और न ही उनसे इस्तीफा देने की मांग की। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का संसद से कोई लेना-देना नहीं है। यह भी पढ़ें: Parliament Security Breach: ‘मैं गद्दार या देशभक्त… 2024 के चुनाव में जनता करेगी तय’, भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की पहली प्रतिक्रिया 'कांग्रेस देश को गुमराह करना चाहती है' भाजपा सांसद ने आगे कहा कि संसद की सुरक्षा सुनिश्चित करना संसद सचिवालय का अधिकार है। इस मामले में कांग्रेस देश को गुमराह करना चाहती है। बता दें कि 13 दिसंबर को संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर लोकसभा में हुई घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस दिन दो लोग, सागर शर्मा और मनोरंजन डी, स्मोक कैन्स के साथ दर्शक दीर्घा से लोकसभा चैंबर में कूद गए और धुआं फैला दिया। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। वहीं, संसद के बाहर दो प्रदर्शनकारियों, नीलम और अमोल ने गैस कनस्तरों को लेकर प्रदर्शन किया। इसके बाद पुलिस ने ललित झा समेत अन्य पांच आरोपियों को कस्टडी में ले लिया।


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