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30 खंभे टूटे, 6000 घर अंधेरे में डूबे; बेंगलुरू में जानें क्यों-कैसे पैदा हुआ बिजली का संकट?

Electricity Crisis due to: बेंगलुरु आजकल बिजली के संकट से जूझ रहा है। शहर के एक इलाके में बिजली के खंभे टूट गए और घरों में 2 दिन से अंधेरा छाया हुआ है। लोगों को गर्मी के कारण काफी परेशानी भी झेलनी पड़ रही है।

Electricity Crisis
Bengaluru Electricity Crisis: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु का चिक्काबनवारा इलाका 2 दिन से अंधेरे में डूबा हुआ है। शनिवार सुबह लोगों ने बिजली के खंभे टूटे हुए देखे और तारें सड़क पर बिखरी देखीं। न बिजली थी और न ही पानी आया था। बिजली विभाग को सूचना दी गई तो कर्मचारी और अधिकारी मौके पर पहुंचे। अचानक 30 से ज्यादा बिजली के खंभे टूट कैसे गए? यह जानने के लिए अधिकारियों ने CCTV खंगाले तो सच सामने आया। बिजली अधिकारियों ने मामले की शिकायत पुलिस को दे दी है। पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। साथ ही बिजली के खंभों की मरम्मत का काम भी शुरू कर दिया है, लेकिन लोगों को गर्मी से परेशान होना पड़ रहा है। उनके रोजमर्रा के काम भी अस्त व्यस्त हो गए हैं। बिजली विभाग अधिकारियों ने जल्द से जल्द खंभों को ठीक करके बिजली बहाल करने का आश्वासन लोगों को दिया है। वहीं लोगों ने भी समस्या का जन्द समाधान करने की अपील की है। यह भी पढ़ें:सावधान! MPOX के लक्षण बेहद खतरनाक! मरीज ने सुनाई आपबीती, बोला- दर्द इतना पूरी रात तड़पा

इस वजह से टूटे बिजली के खंभे

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार की सुबह करीब ढाई बजे चिक्काबनवारा में एक टिपर लॉरी बिजली के मेन खंभे से टकरा गई। इससे खंभे से तारें टूटकर गिर गईं। लॉरी का पिछला हिस्सा तारों में उलझ गया। इनसे निकलने के लिए लॉरी वाला अपना वाहन दौड़ाने लगा तो तारें खींचने से बिजली के खंभे गिरते चले गए। करीब 34 ट्रांसफार्मर ठप हुए हैं। घटना चिक्काबनवारा सर्किल और द्वारकानगर के बीच वाली सड़क की है। CCTV में पूरा घटनाक्रम नजर आया। अधिकारियों के अनुसार, फुटेज देखकर लग रहा है कि लॉरी ड्राइवर को घटनाक्रम के बारे में पता नहीं है। वह आधा किलोमीटर तक गाड़ी दौड़ाता रहा, जिससे बिजली की तारें टूट गईं। बिजली विभाग की इमरजेंसी टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। गनीमत रही कि घटना के समय सड़क खाली थी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। जल्दी ही सभी खंभे और ट्रांसफार्मर फिर से लगा दिए जाएंगे। वहीं इस घटनाक्रम में बिजली विभाग को करीब 7 से 8 लाख रुपये का नुकसान हुआ। यह भी पढ़ें:सितंबर में आसमान में दुर्लभ घटना होगी! अतंरिक्ष से धरती तक मचेगी उथल-पुथल, जानें कहां-कैसे देख पाएंगे?


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