Attappady Madhu Lynching Case: मधु मॉब लिंचिंग केस में 13 दोषियों को 7 साल, एक को 3 महीने की जेल
Attappady Madhu Lynching Case: केरल की एक विशेष अदालत ने बुधवार को अट्टापडी मधु मॉब लिंचिंग मामले में दोषियों को सजा सुनाई है। कोर्ट ने 13 दोषियों को 7 साल सश्रम कारावास और 16वें आरोपी को 3 महीने की कैद की सजा सुनाई है। दोषियों पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। दोषियों को केंद्रीय कारागार और सुधार गृह, थवानूर ले जाया जाएगा।
पहले आरोपी एम हुसैन को मंगलवार को आईपीसी की धारा 304 II के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था और शेष को अतिरिक्त रूप से धारा 326 (जानबूझकर खतरनाक हथियारों या साधनों से गंभीर चोट पहुंचाना) और 367 (अपहरण व्यक्ति को गंभीर चोट, गुलामी के अधीन करने का आदेश) के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था। आरोपियों में शामिल 14वें और 15वें को कोर्ट ने बरी कर दिया था।
16वें आरोपी को इसलिए तीन महीने की सजा
धारा 326 और 367 में क्रमशः अधिकतम आजीवन कारावास और 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। दोषियों को एससी/एसटी अधिनियम की धारा 3(1)(डी) के तहत भी दोषी ठहराया गया था। इस मामले में 16वें आरोपी को आईपीसी की धारा 352 के तहत केवल हमला या गंभीर उकसावे के अलावा आपराधिक बल के अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था। उसे तीन माह की सजा व 500 रुपये जुर्माना लगाया गया।
एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत मामलों के लिए मन्नारकाड विशेष अदालत ने मंगलवार को पलक्कड़ जिले के अट्टापडी में 2018 में कथित रूप से खाद्य सामग्री चोरी करने के लिए आदिवासी युवक मधु की पीट-पीटकर हत्या के लिए 14 लोगों को दोषी ठहराया था।
22 फरवरी 2018 को हुई थी घटना
बता दें कि 22 फरवरी 2018 को अजामुडी जंगल में एक गुफा से पकड़े जाने के बाद मानसिक रूप से बीमार मधु को पीट-पीट कर मार डाला गया था। मधु को पहले गुफा से पकड़ा गया था और उसे पेड़ से बांध दिया गया था। मधु पर खाद्य सामग्री चोरी करने का आरोप लगाया गया था।
विशेष लोक अभियोजक राजेश एम मेनन ने कहा कि कई गवाहों के मुकरने के कारण मामला कमजोर हो गया था। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हमने अपराध के प्रत्यक्ष साक्ष्य के साथ शुरुआत की, लेकिन मुकदमे के अंत तक हमारे पास केवल परिस्थितिजन्य साक्ष्य रह गए। डिजिटल साक्ष्य ने मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"
मधु की मां बोलीं- हम फैसले से संतुष्ट नहीं
मॉब लिचिंग मामले में सजा के ऐलान के बाद मधु की मां ने कहा कि वे फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, खासकर दो आरोपियों के बरी होने और इस तथ्य से कि 16 में से किसी को भी हत्या के लिए दोषी नहीं ठहराया गया था। उन्होंने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा, "मैं इस फैसले के खिलाफ अपील करूंगी। वे सभी दोषी हैं।"
पीड़िता की बहन ने कहा कि वह 16 में से 14 आरोपियों को दोषी ठहराने के लिए अदालत की शुक्रगुजार हैं, लेकिन वह दो लोगों को बरी किए जाने के खिलाफ अपील करेंगी। वे कोर्ट के फैसले से खुश हैं। इस बीच, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े वर्गों के कल्याण राज्य मंत्री के राधाकृष्णन ने कहा कि इस फैसले से मधु के परिवार और पूरे केरल के लोगों को कुछ संतुष्टि मिल सकती है।
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