Arunachal Chopper Crash: अधिकारियों का दावा- हेलिकॉप्टर क्रैश होने से पहले पायलट ने भेजा था ‘mayday’ कॉल
Arunachal Chopper Crash: अरुणाचल प्रदेश में क्रैश होने से पहले भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर के पायलट ने हवाई यातायात नियंत्रण को 'मेडे' कॉल जारी किया था। बता दें कि 'मेडे' शब्द का इस्तेमाल पायलट आपातकालीन स्थिति में करते हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ है मेरी मदद करो।
सैन्य अधिकारियों के अनुसार, दुर्घटना से पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को तकनीकी या यांत्रिक विफलता का सुझाव देते हुए एक संकटकालीन कॉल आया था। यह कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (सीओआई) का फोकस होगा। सेना मुख्यालय ने मामले में विस्तृत जांच का आदेश दिया और सीओआई को इस भीषण हेलिकॉप्टर दुर्घटना के कारणों की जांच करने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि हेलिकॉप्टर क्रैश में पायलट समेत पांच लोग मारे गए थे।
शुक्रवार की सुबह लिकाबली कस्बे से उड़ान भरने वाला हेलिकॉप्टर सियांग गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसा तूतिंग मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर हुआ था। चूंकि दुर्घटनास्थल की ओर जाने वाली कोई सड़कें नहीं हैं, इसलिए बचाव कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर भेजे गए थे। असम के तेजपुर में अधिकारी ने कहा कि बचाव अभियान पांचवें और अंतिम शव की बरामदगी के साथ समाप्त हुआ।
एचएएल रुद्र में दो पायलट समेत पांच लोग सवार थे। हादसे के बाद बचाव दल को मौके पर भेजा गया। मृतकों की पहचान मेजर विकास भांभू, मेजर मुस्तफा बोहरा, सीएफएन टेक एवीएन (एईएन) अश्विन केवी और एचएवी (ओपीआर) बिरेश सिन्हा के रूप में हुई है।
जानकारी के मुताबिक, दुर्घटना के वक्त मौसम बिल्कुल ठीक था। पायलट को इस हेलिकॉप्टर को उड़ाने का अनुभव भी था। दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर, एएलएच-डब्लूएसआई 'रूद्र' साल 2015 में सेना की एविएशन कोर में शामिल हुआ था.
एक महीने में ये दूसरा हादसा
रुद्र भारतीय सेना के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित एक अटैक हेलीकॉप्टर है। यह ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) का हथियार प्रणाली एकीकृत (WSI) Mk-IV संस्करण है। अरुणाचल प्रदेश में इस महीने यह दूसरा हेलिकॉप्टर हादसा है। 5 अक्टूबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग के पास अग्रिम क्षेत्र में उड़ान भरने वाले भारतीय सेना के चीता हेलीकॉप्टर के नियमित उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एक पायलट की मौत हो गई थी।
जानें क्या होता है Mayday कॉल
जब प्लेन या शिप किसी खतरे में हो और सभी यात्रियों की जान खतरे में हो तो ऐसे समय में पायलट एयरपोर्ट्स या पोर्ट्स पर मौजूद सेंटर्स में डिस्ट्रेस कॉल करते हैं। इस कॉल के लगते ही सबसे पहले पायलट या कैप्टन तीन बार Mayday शब्द दोहराते हैं, ताकि दूसरी तरफ के लोग चौकन्ने हो जाएं और सभी जानकारी ध्यान से सुनें।
अभी पढ़ें – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.