मुंबई: मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके निजी सचिव संजीव पलांडे की जमानत याचिका खारिज कर दी है। देशमुख इस समय दिल की बीमारी के चलते शहर के एक अस्पताल में भर्ती हैं। अदालत ने कहा कि आरोपी को उसकी जरूरत के मुताबिक पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं। अदालत ने कहा कि देशमुख के खिलाफ मामले में भारी मात्रा में धन शामिल था जो देश के वित्तीय हेल्थ को प्रभावित करता है।
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विशेष न्यायाधीश एसएच ग्वालानी ने कहा कि मजिस्ट्रेट द्वारा धारा 164 के तहत दर्ज किए गए अनुमोदक-बर्खास्त मुंबई सिपाही सचिन वाजे- और अन्य का बयान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। इसलिए, इन बयानों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और सुनवाई के स्तर पर मामलों द्वारा बताए गए तथ्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
न्यायाधीश ने आगे कहा, 'इस तरह के साक्ष्य की स्वीकार्यता का प्रश्न परीक्षण का विषय होगा। इसकी पर्याप्तता या अपर्याप्तता का जवाब जमानत के स्तर पर नहीं दिया जा सकता है। जमानत के स्तर पर मामले के गुण-दोष के आधार पर सबूतों की विस्तृत जांच की जरूरत नहीं है।'
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'जब कोई व्यक्ति हत्या करता है, तो यह पल भर में हो सकता है, लेकिन यह एक आर्थिक अपराध है जो समय के साथ-साथ चलता है और करने वाले को पता लग चुका होता है।'
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बता दें कि देशमुख को ईडी ने पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया था, जबकि सीबीआई, जिसने अप्रैल 2021 में देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था, ने ठीक एक साल बाद उन्हें जांच के लिए हिरासत में लिया था। देशमुख को हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दी थी।
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